राजस्थान समेत इन 6 राज्यों को मिलने वाली है बड़ी सौगात, दिसंबर तक तैयार हो जाएगा यह एक्सप्रेसवे, फर्राटा भरेंगे वाहन
नई दिल्ली: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इस साल दिसंबर से इन राज्यों के तमाम शहरों के लिए आवागमन और भी आसान होने जा रहा है। नौ फेज में बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway Update) के आठ फेज तैयार हो जाएंगे और वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इनमें से दो फेज पहले ही खोले जा चुके हैं और ट्रैफिक का संचालन हो रहा है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अनुसार 1,386 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 80 फीसदी से अधिक काम हो चुका है। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है और बचा हुआ काम भी तय समय में पूरा कर लिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे में दिल्ली से वड़ोदरा तक (845 किमी.) का काम 96 फीसदी पूरा हो चुका है।
दिसंबर तक तैयार होने वाले हिस्से
- सपूर से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट 95 किमी.
- सूरत से विरार, मुंबई 291 किमी.
- भरूच से सूरत 38 किमी.
- मध्य प्रदेश बॉर्डर से गुजरात 148 किमी.
- सवाई माधोपुर से झालावार 159 किमी.
इसके अलावा वड़ोदरा से भरूच 87 किमी. का हिस्सा पहले ही तैयार हो चुका है लेकिन इसे अभी तक जनता के लिए नहीं खोला गया है।
वर्तमान में चालू फेज
वर्तमान में दिल्ली से दौसा-सवाई माधोपुर 293 किमी. लंबा एक्सप्रेसवे ट्रैफिक के लिए खोला जा चुका है। इसके अलावा झालावार-रतलाम-एमपी/गुजरात बॉर्डर 245 किमी. एक्सप्रेसवे पर भी वाहनों का संचालन शुरू हो चुका है।
अंतिम फेज की शुरुआत
दिल्ली से मुंबई तक का एक्सप्रेसवे इस वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा लेकिन डीएनडी दिल्ली और जेवर से सोहना तक का काम अगले वर्ष जून 2025 में पूरा होगा। दोनों जगह से एक्सप्रेसवे को लिंक करने के लिए 90 किमी. एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है।
इन शहरों को मिलने वाली राहत
- दिल्ली
- गुड़गांव
- फरीदाबाद
- जयपुर
- अजमेर
- किशनगढ़
- कोटा
- उदयपुर
- चित्तौड़गढ़
- सवाई माधोपुर
- भोपाल
- उज्जैन
- इंदौर
- सूरत
एक्सप्रेसवे के लाभ
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के तैयार होने से आवागमन में तेजी आएगी और यात्रा का समय भी कम होगा। इसके साथ ही, इस एक्सप्रेसवे के जरिए लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन में भी सुधार होगा जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा पर्यावरण की दृष्टि से भी यह एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वाहनों के ईंधन खपत को कम करेगा और प्रदूषण में कमी लाएगा।