राजस्थान की काया पलट देंगे ये 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 3175 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण, खर्च होंगे 14010 करोड़ रुपये
राजस्थान के विकास को नई दिशा देने के लिए 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई है। इनमें से एक अहम प्रोजेक्ट "ब्यावर-भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे" है। इस प्रोजेक्ट के तहत 342 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है जो ब्यावर से भरतपुर तक के सफर को न केवल आसान बल्कि समय की बचत के साथ व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ावा देगा।
ब्यावर-भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
राजस्थान में ब्यावर से भरतपुर की यात्रा जल्द ही और भी सुगम हो जाएगी। भजनलाल सरकार ने अपने पहले बजट में 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की योजना पेश की थी जिसमें से यह एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण है। यह योजना राज्य के आर्थिक और औद्योगिक ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
342 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद व्यापार के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। राजस्थान के इन दोनों प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ट के बाद औद्योगिक विकास के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
सफर का समय घटेगा
फिलहाल ब्यावर से भरतपुर जाने के लिए मौजूदा सड़क मार्ग का उपयोग करना पड़ता है, जो अजमेर, जयपुर और दौसा होकर गुजरता है। इस मार्ग से यात्रा में लगभग 6.5 घंटे लगते हैं। लेकिन इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह सफर सिर्फ 3.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस नए मार्ग के चलते समय की बड़ी बचत होगी और साथ ही ईंधन की खपत भी कम होगी।
3175 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण
ब्यावर-भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए 3175 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे ज्यादातर खेतों और ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरेगा, जिससे शहरी आबादी पर कम से कम असर पड़ेगा। एक्सप्रेसवे निर्माण की कुल लागत 14010 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके निर्माण के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों से भरतपुर तक की यात्रा में बड़ी सुविधा मिलेगी।
उद्योग और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे न केवल व्यापारिक अवसरों को बढ़ाएगा, बल्कि औद्योगिक विकास को भी तेजी देगा। ब्यावर, जो अपने तिल पापड़ी उद्योग के लिए मशहूर है, इस एक्सप्रेसवे के चलते और भी समृद्ध होगा। इसके अलावा, भरतपुर, जो अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, तक पहुंचना और भी आसान हो जाएगा। इससे राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
भरतपुर जिले में चौरासी कोसीय परिक्रमा का आयोजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह एक्सप्रेसवे मध्य राजस्थान से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक वरदान साबित होगा। सीधे मार्ग से यात्रा आसान और समय की बचत के साथ-साथ किफायती भी होगी।
विकास की नई राहें
ब्यावर और भरतपुर के बीच बनने वाले इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से न सिर्फ ये दो शहर, बल्कि पूरे राज्य में विकास की नई राहें खुलेंगी। यह एक्सप्रेसवे न केवल औद्योगिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देने में सहायक होगा।
राज्य में घोषित 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे कुल मिलाकर 2750 किलोमीटर की लंबाई को कवर करेंगे। इनकी लागत करोड़ों में होगी, लेकिन इनके निर्माण से राजस्थान का चेहरा बदलने की उम्मीद है।
9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से होगा समग्र विकास
राजस्थान सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाले 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रस्तावित हैं। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद राज्य में आवागमन सुगम होगा, व्यापार में वृद्धि होगी और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही राज्य के पर्यटन उद्योग को भी नया आयाम मिलेगा।