शहरी युवतियों को ग्रामीण युवकों से शादी पर मिलेंगे 3.52 लाख रुपये, सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान
सरकार का एक हालिया प्रस्ताव देश में भारी बहस का विषय बन गया है। यह प्रस्ताव 2024 में सामने आया जिसमें सरकार ने शहरी युवतियों को ग्रामीण युवकों से शादी करने पर 6 लाख येन (लगभग 3.52 लाख रुपये) की प्रोत्साहन राशि देने की बात कही थी। इस योजना का मकसद असंतुलित क्षेत्रीय विकास को संतुलित करना था। हालांकि इसका जनता ने विरोध किया और सरकार को इसे वापस लेना पड़ा।
शहरी और ग्रामीण असंतुलन से बढ़ती चुनौतियाँ
जापान की जनसंख्या संकट और क्षेत्रीय असंतुलन की समस्याएं लंबे समय से देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति पर प्रभाव डाल रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में तेजी से पलायन हो रहा है। 2023 की जनसंख्या माइग्रेशन रिपोर्ट बताती है कि करीब 68000 लोग टोक्यो जैसे बड़े शहरों में शिफ्ट हुए जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं थीं।
ग्रामीण क्षेत्रों से तेजी से हो रहे पलायन के चलते वहां की अर्थव्यवस्था और जनसंख्या दोनों पर दबाव बढ़ गया है। खासकर महिलाएं बेहतर शिक्षा और रोजगार की तलाश में अपने गांवों को छोड़कर बड़े शहरों में जा रही हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में काम करने वाली जनसंख्या घटती जा रही है जिसका सीधा असर स्कूलों और अस्पतालों पर पड़ रहा है। कई संस्थान खाली पड़े हैं और उन्हें बंद करना पड़ रहा है।
प्लान का उद्देश्य
सरकार का यह प्रस्ताव इस सोच पर आधारित था कि अगर शहरी महिलाएं ग्रामीण युवकों से शादी करके गांवों में बसेंगी तो वहां की जनसंख्या और कामकाजी लोगों की संख्या में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्रीय असंतुलन को दूर किया जा सकेगा। प्रस्ताव के तहत शहरी महिलाएं विशेषकर टोक्यो में रहने वाली अविवाहित महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती थीं।
सरकार ग्रामीण इलाकों में उनके साथी खोजने का खर्च भी देने के लिए तैयार थी। योजना का मकसद यह था कि महिलाएं टोक्यो जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्थायी रूप से बसें।
जनता ने किया भारी विरोध
जैसे ही यह प्रस्ताव जनता के सामने आया इसका विरोध होने लगा। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। विरोधियों का कहना था कि महिलाएं बेहतर जीवन और अवसरों की तलाश में टोक्यो जाती हैं। सरकार का यह प्रस्ताव उन्हें वापस उसी माहौल में भेजने जैसा था जिसे वे छोड़ चुकी थीं।
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह की योजना महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों पर अंकुश लगाने जैसी है। सरकार को महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहिए न कि उन्हें पुराने जीवन में वापस धकेलने के लिए।
जापान का जनसंख्या संकट
जापान लंबे समय से जनसंख्या संकट का सामना कर रहा है। देश में जन्मदर अपने सबसे निचले स्तर पर है। 2024 की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि लगातार आठवें साल जन्मदर बेहद कम रही। पिछले साल 5 लाख से भी कम शादियां हुईं जोकि पिछले 90 वर्षों में सबसे कम हैं।
जापानी समाज में शादियों और बच्चों को लेकर एक सामान्य धारणा बन गई है कि लोग अब शादी करने से बचते हैं और बच्चे पैदा करने की चाहत भी कम हो गई है।