Haryana चुनाव नजदीक आते ही Vinesh Phogat ने शंभू बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने का किया वादा
Vinesh Phogat: अपना अटूट समर्थन दिखाते हुए दिग्गज पहलवान विनेश फोगट शंभू सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं और कहा, "आपकी बेटी आपके साथ है"। शनिवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों की एक बड़ी सभा ने उनके चल रहे विरोध प्रदर्शन के 200वें दिन को चिह्नित किया। फोगाट भी एकजुटता दिखाने के लिए उनके साथ शामिल हो गए।
विनेश ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "हम भी इसी देश के निवासी हैं हमें भी विरोध करने का अधिकार है। हमारे विरोध को राजनीति से प्रेरित या किसी विशेष जाति या पंथ से जुड़ा हुआ नहीं बताया जाना चाहिए। हमें एक परिवार की तरह माना जाना चाहिए और हमारी आवाज सुनी जानी चाहिए।
हमें भी बोलने का अधिकार दिया जाना चाहिए। मैं किसानों के परिवार से हूं और उनका दुख-दर्द समझता हूं। मुझे पता है कि मेरी मां ने हमें कैसे पाला है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह किसानों की समस्या का जल्द से जल्द समाधान करे। मैं भी किसानों के साथ खड़ा हूं और भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें और ताकत दे।"
सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे दो मंचों - किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम- गैर-राजनीतिक) के प्रवक्ता ने कहा कि इससे पहले विनेश ने खनौरी में किसानों को संबोधित करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में शंभू सीमा पर भी जाने के लिए सहमत हो गईं।
विनेश - हाल ही में आयोजित पेरिस ओलंपिक 2024 में पदक की दावेदारों में से एक, जहां उन्होंने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया - को फाइनल से कुछ घंटे पहले एक चौंकाने वाली हार का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनका वजन थोड़ा अधिक पाया गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
विनेश फोगट भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शनों की मुखर समर्थक रही हैं। उन्होंने शंभू और खनौरी बॉर्डर सहित विभिन्न विरोध स्थलों पर सक्रिय रूप से भाग लिया है, और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की उनकी मांगों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है।
हरियाणा चुनाव और अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना रनौत द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ दिए गए विवादास्पद बयान की पृष्ठभूमि में फोगट का दौरा महत्वपूर्ण है।
शंभू और खनौरी सीमाओं पर बैठे किसान नेता भी शुक्रवार को बीकेयू, बठिंडा की महिला नेता सुखविंदर कौर खांडी और अन्य के घर पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई छापेमारी को लेकर सरकार के खिलाफ गुस्से में हैं।
शंभू और खनौरी सीमाओं पर किसान विरोध के 200 दिन पूरे होने से महज एक दिन पहले ये छापे मारे गए।
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम- गैर-राजनीतिक) दो मंचों का प्रतिनिधित्व कर रहे सरवन सिंह पंधेर ने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करार दिया।