NCR के इस शहर में 294 करोड़ की लागत से पानी की कमी होगी दूर, लोगों को पीने के लिए मिलेगा शुद्ध जल
फरीदाबाद में वर्तमान में प्रतिदिन 450 एमएलडी पानी की आवश्यकता है जबकि केवल 330 एमएलडी पानी की उपलब्धता है। जल संकट की इस समस्या के समाधान के लिए हरियाणा सरकार ने एक नई योजना का अनुमोदन किया है।
NCR- Haryana 100 crore project : हरियाणा के फरीदाबाद में एनआईटी और अरावली पहाड़ी के आसपास के क्षेत्रों में जल संकट के समाधान की दिशा में बड़ी पहल शुरू होने जा रही है। यमुना से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 100 करोड़ रुपये की परियोजना का टेंडर निकाला जाएगा। दिसंबर से इस परियोजना पर काम शुरू होगा। इस योजना के तहत यमुना नदी से लगभग 30 किलोमीटर लंबी रेनीवेल लाइन बिछाई जाएगी जिससे प्रतिदिन 30 एमएलडी पानी क्षेत्र में उपलब्ध होगा।
यमुना से बिछेगी 30 किलोमीटर लंबी रेनीवेल लाइन
इस परियोजना के अंतर्गत 900 से 1000 मिमी मोटाई वाली पाइपलाइन यमुना नदी के मोठूका रेनीवेल से लेकर सेक्टर-25 में स्थित बूस्टर स्टेशन तक बिछाई जाएगी। यह लाइन एनआईटी क्षेत्र और अरावली पहाड़ी के आसपास के गांवों तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही, ददसिया क्षेत्र में स्थित बूस्टर से भी पानी की सप्लाई की जाएगी। इस बूस्टर में प्रतिदिन 15 से 20 एमएलडी पानी आएगा, जिससे लगभग पाँच लाख लोग लाभान्वित होंगे।
शहर की पानी की जरूरतों को पूरा करने का लक्ष्य
फरीदाबाद में वर्तमान में प्रतिदिन 450 एमएलडी पानी की आवश्यकता है, जबकि केवल 330 एमएलडी पानी की उपलब्धता है। जल संकट की इस समस्या के समाधान के लिए हरियाणा सरकार ने एक नई योजना का अनुमोदन किया है। इसके तहत यमुना के किनारे 12 रेनीवेल लगाए जाएंगे। परियोजना की कुल लागत 100 करोड़ रुपये है और इसका मकसद शहर के प्रत्येक छोर तक पेयजल पहुंचाना है ताकि पानी की आपूर्ति में किसी भी प्रकार का भेदभाव न रहे।
294 करोड़ का बजट और नई परियोजनाओं की योजना
फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (FMDA) ने इस परियोजना के लिए कुल 294 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस राशि में से 94 करोड़ रुपये बूस्टिंग स्टेशन और अन्य संबंधित परियोजनाओं पर खर्च किए जाएंगे। FMDA का काम पानी को बूस्टर तक पहुंचाना है, जिसके बाद नगर निगम यह पानी शहर के विभिन्न हिस्सों में वितरित करेगा। इस योजना के अंतर्गत, बीच में पड़ने वाले नहर, एक्सप्रेस-वे, हाईवे, और अन्य सड़कें भी रेनीवेल लाइन से दूर रखी जाएंगी ताकि निर्माण कार्य में किसी प्रकार का अवरोध न हो।
रेनीवेल लाइन की मौजूदा स्थिति
यमुना के किनारे के विभिन्न स्थानों पर रेनीवेल की स्थापना का काम जारी है। मोठूका में तीन रेनीवेल लगाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है और 60 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। ददसिया, महावतपुर और लालपुर में भी रेनीवेल स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए लगभग एक एकड़ जमीन की जरूरत होती है, जो स्थानीय किसानों से खरीदी जा रही है। रेनीवेल की स्थापना के बाद, अगले 20 सालों तक फरीदाबाद में जल संकट से राहत मिल सकेगी।
भूजल स्तर बनाए रखने का प्रयास
रेनीवेल लगाने से पहले भूजल स्तर का मूल्यांकन करना भी महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार भूजल स्तर 30 से 35 मीटर होना चाहिए ताकि दो दशक से अधिक समय तक पानी उपलब्ध हो सके। इस नई योजना के चलते अरावली और एनआईटी क्षेत्र के लोगों को जल संकट से निजात मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से टैंकरों पर निर्भर थे।
पेयजल आपूर्ति में भेदभाव दूर होगा
शहर में पेयजल की आपूर्ति को सुचारु बनाने के लिए यह परियोजना शुरू की गई है। वर्तमान मेंफरीदाबाद में पानी की किल्लत के चलते कई लोगों को टैंकरों का सहारा लेना पड़ता है। एनआईटी क्षेत्र और अरावली के आसपास पानी की सबसे अधिक समस्या है। इस योजना से रेनीवेल लाइन के माध्यम से यमुना के जल को सीधे इन क्षेत्रों तक पहुंचाया जाएगा जिससे पानी की आपूर्ति में कोई भेदभाव नहीं होगा।
2025 तक पहले चरण का कार्य पूरा होने की उम्मीद
इस परियोजना के पहले चरण को अगले वर्ष 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके तहत शहर के कई क्षेत्रों में पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जिससे लोगों को जल संकट से राहत मिलेगी। इस योजना की सफलता पर फरीदाबाद के लोग बेहतर जीवन स्तर का आनंद ले सकेंगे जो कि राज्य सरकार की जल संकट समाधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।