यूपी के 15 जिलों से होकर गुजरेगा 700 किमी लंबा नया हाईवे, करोड़ों में पहुँच जाएंगे जमीनों के रेट
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कनेक्टिविटी (connectivity) को और अधिक मजबूत करने के लिए एक और हाईवे (highway) का निर्माण शुरू किया जा रहा है. यह हाईवे प्रदेश के 15 जिलों से होकर गुजरेगा और यहां की सड़क सुविधा (road infrastructure) को नई दिशा देने वाला साबित होगा.
गोरखपुर (Gorakhpur) से लेकर शामली (Shamli) तक यह हाईवे (highway construction) बनाए जाएंगे जिसका प्रभाव क्षेत्रीय यातायात (local traffic) और व्यापार (trade) दोनों में जबरदस्त पड़ेगा. सबसे खास बात यह है कि इस हाईवे की मदद से भारत-नेपाल सीमा की निगरानी (India-Nepal border monitoring) भी और अधिक सटीक रूप से की जा सकेगी. अब राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है, और जल्द ही इसका सीमांकन (survey) कार्य भी शुरू हो जाएगा.
इस हाईवे का निर्माण प्रदेश के विकास (development) के लिहाज से एक अहम कदम होगा. खासतौर पर उन जिलों (districts) के लिए जिन्हें विकास में पीछे माना जाता है, यह हाईवे जीवन की गति में तेज़ी लाएगा. इससे न केवल यात्रियों को सुविधा होगी बल्कि व्यापारियों (businessmen) और उद्योगपतियों (entrepreneurs) के लिए नए अवसर खुलेंगे. उच्चमार्ग पर यात्रा के दौरान कई प्रमुख नगरों (towns) और उद्योग केंद्रों (industrial hubs) से होकर गुजरने का लाभ मिलेगा. हाईवे की सड़क यात्रा (road travel) में आसानी होने से रोजगार (employment) के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे.
इस नए गोरखपुर-शामली हाईवे की खासियत यह होगी कि यह प्रदेश के हर कोने को एक दूसरे से जोड़ने का काम करेगा. मीडिया रिपोर्ट्स (media reports) के मुताबिक यह हाईवे गोरखपुर (Gorakhpur) से शुरू होकर 15 जिलों से होते हुए शामली तक पहुंचेगा. इसमें कई ज़िले ऐसे हैं जो पहले सुविधाओं के मामले में अन्य हिस्सों से पीछे थे लेकिन अब हाईवे के बनते ही इन जिलों में आने-जाने का समय कम होगा और यात्रा की सुविधा और तेज होगी.
यह हाईवे गोरखपुर (Gorakhpur), महाराजगंज (Maharajganj), सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar), बलरामपुर (Balrampur), श्रावस्ती (Shravasti), बहराइच (Bahraich) और अन्य महत्वपूर्ण जिलों से होकर गुजरने वाला है. खासतौर पर लखनऊ (Lucknow), सीतापुर (Sitapur), बरेली (Bareilly), मुरादाबाद (Moradabad) तक यह मार्ग जाएगा. इसके अलावा बिजनौर (Bijnor) और मेरठ (Meerut) जैसे प्रमुख व्यापारिक जिलों को भी जोड़ने का कार्य होगा.
गोरखपुर और शामली के बीच बनने वाला यह हाईवे राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जाएगा, क्योंकि इसकी सहायता से नेपाल सीमा पर निगरानी करना ज्यादा सुगम हो जाएगा. इस कार्य को लेकर अब तक कई बैठकें हुई हैं और NHAI ने जिम्मेदारी संभालने के बाद, इसका सीमांकन (boundary marking) जल्द शुरू करने का निर्णय लिया है.
सीमांकन के बाद जल्द ही भूमि अधिग्रहण (land acquisition) का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. हालांकि, भूमि अधिग्रहण में थोड़ा समय लग सकता है, इसके बाद निर्माण कार्य तेजी से किया जाएगा. इस परियोजना को पूरा होने में लगभग तीन साल का समय लग सकता है.
प्रदेश में विभिन्न एक्सप्रेसवे (expressway), हाईवे और सड़कों के निर्माण से कनेक्टिविटी (connectivity) में भारी सुधार हो रहा है. इससे जहां यात्रियों को राहत मिलेगी, वहीं व्यापार (trade) और यातायात में भी तेजी आएगी. इस हाईवे के अलावा कुछ अन्य परियोजनाएं भी यूपी में चल रही हैं जो उत्तर प्रदेश को व्यापार और उद्योग के मामले में प्रमुख केंद्र बना सकती हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) और सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी (Minister Nitin Gadkari) की इस परियोजना को लेकर बातचीत (meeting) हो चुकी है. यह परियोजना प्रदेश के बुनियादी ढांचे को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.