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Haryana : हरियाणा रोडवेज के इन 800 कंडक्टरों पर गिरेगी गाज, परिवहन मंत्री ने दिए ये आदेश

हरियाणा रोडवेज (Haryana Roadways) में बस कंडक्टरों की नियुक्तियों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से भर्ती किए गए 800 से अधिक कंडक्टरों के अनुभव प्रमाण-पत्र अब शक के घेरे में आ गए हैं।

Haryana Roadways News : बताया जा रहा है कि कुछ उम्मीदवारों ने नौकरी पाने के लिए “फर्जी” (Fake) सर्टिफिकेट का सहारा लिया। इसके चलते परिवहन विभाग ने इन सर्टिफिकेट्स का सत्यापन (Verification) तेज़ी से शुरू कर दिया है। परिवहन मंत्री अनिल विज के निर्देश पर सभी रोडवेज डिपो (Depots) के महाप्रबंधकों (General Managers) को जांच के आदेश दिए गए हैं।

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फर्जी प्रमाण-पत्रों की शिकायतों के बाद कार्रवाई शुरू

सूत्रों के अनुसार, यह कदम तब उठाया गया जब अधिकारियों को शिकायतें मिलीं कि कई उम्मीदवारों ने नौकरी पाने के लिए नकली अनुभव प्रमाण-पत्र (Experience Certificates) का इस्तेमाल किया है।

रोडवेज मुख्यालय के आदेश पर कई डिपो में जांच के लिए समितियां गठित की गई हैं। ये समितियां हड़ताल के दौरान जारी किए गए प्रमाण-पत्रों का सत्यापन कर रही हैं, जिनमें से कई प्रमाण-पत्र फर्जी होने की आशंका है।

2018 की हड़ताल का अनुभव बना विवाद का कारण

इन उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि उन्होंने 2018 में रोडवेज कर्मचारियों की 18 दिनों की हड़ताल के दौरान सरकार की मदद की थी।

उस समय हड़ताल के कारण रोडवेज सेवाएं ठप हो गई थीं जिसे सुचारू रखने के लिए इन उम्मीदवारों को दैनिक आधार पर कंडक्टर के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बदले उन्हें न केवल भुगतान (Payment) किया गया, बल्कि अनुभव प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया गया।

फर्जी प्रमाण-पत्रों पर उठ रहे सवाल

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या सभी उम्मीदवारों ने वास्तव में हड़ताल के दौरान सेवाएं दी थीं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि कुछ ऐसे लोग भी नौकरी पाने में सफल रहे, जिन्होंने कभी ड्यूटी नहीं की।

इन लोगों ने कथित रूप से नकली प्रमाण-पत्र (Fake Certificates) बनवाकर नौकरी हासिल की। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने शिकायतों के आधार पर सभी प्रमाण-पत्रों का सत्यापन शुरू कर दिया है।

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सत्यापन की प्रक्रिया तेज़

हड़ताल के दौरान जारी किए गए प्रमाण-पत्रों की वैधता को जांचने के लिए सभी रोडवेज डिपो से डेटा मांगा गया है। बताया जा रहा है कि कुछ डिपो में हाल ही में नियुक्त कंडक्टरों के सर्टिफिकेट्स की जांच तेजी से चल रही है।

इन सर्टिफिकेट्स को उस समय के पारिश्रमिक (Remuneration) के रिकॉर्ड से मिलान किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सत्यापन के बाद रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी जाएगी।

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