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फरीदाबाद में रेफर मुक्त अस्पताल की मांग, धरना 12वें दिन में प्रवेश, कल होगा मुंडन कार्यक्रम

धरने को विभिन्न संगठनों और समाज के प्रमुख लोगों का समर्थन मिल रहा है। ऊं ब्राह्मण सभा के अवधेश कुमार ओझा, टीम पुरुष आयोग के नरेश मेहंदी रत्ता, ठाकुर समाज के कमल सिंह तंवर और स्कूल एसोसिएशन के शिक्षाविद अमित जैन जैसे प्रतिष्ठित लोग इस आंदोलन का हिस्सा बन चुके हैं।

Faridabad News: फरीदाबाद में रैफर मुक्त अस्पताल की मांग को लेकर चल रहा धरना आज 12वें दिन में प्रवेश कर गया है। सेवा वाहन संचालक सतीश चोपड़ा और अनशनकारी बाबा रामकेवल के नेतृत्व में यह आंदोलन लगातार जोर पकड़ रहा है। धरने में शामिल होने वालों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है। युवा, महिलाएं और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी पूरे जोश के साथ दिन-रात धरने पर डटे हुए हैं।

प्रमुख लोगों का समर्थन

धरने को विभिन्न संगठनों और समाज के प्रमुख लोगों का समर्थन मिल रहा है। ऊं ब्राह्मण सभा के अवधेश कुमार ओझा, टीम पुरुष आयोग के नरेश मेहंदी रत्ता, ठाकुर समाज के कमल सिंह तंवर और स्कूल एसोसिएशन के शिक्षाविद अमित जैन जैसे प्रतिष्ठित लोग इस आंदोलन का हिस्सा बन चुके हैं। इनके अलावा अभिषेक गोस्वामी, संतोष यादव, वरुण श्योकंद, हेमलता शर्मा, दीपक शक्ति, मनोज कोहली, योगेश कोहली जैसे कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।

रैफर मुक्त अस्पताल की मांग

धरने पर बैठे लोगों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, राज्य मंत्री राजेश नागर और स्वास्थ्य मंत्री आरती राव से अपील की है कि फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल को रैफर मुक्त बनाया जाए। उनका कहना है कि 25 लाख की आबादी वाले इस शहर में यह अस्पताल एकमात्र बड़ा सरकारी अस्पताल है। इसके अलावा, गांव छांयसा में स्थित श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में सुविधाएं बढ़ाने की भी मांग की गई है।

मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं की कमी

आंदोलनकारियों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में आईपीडी सेवाएं शुरू नहीं की गई हैं। तीन करोड़ रुपये की सैलरी के बावजूद यहां मरीजों को पर्याप्त सेवाएं नहीं मिल रही हैं। साथ ही, ट्रामा सेंटर की कमी के कारण गंभीर मामलों में मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है।

निजी लैब और सेंटरों पर रोक की मांग

धरने में शामिल लोगों ने निजी लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के प्रतिनिधियों पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ये प्रतिनिधि अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों को बरगला कर अपने निजी सेंटरों पर ले जाते हैं और उनसे मोटी रकम वसूलते हैं। इस लूट पर लगाम लगाने की मांग तेज हो रही है।

जरूरी दवाइयों की उपलब्धता

आंदोलनकारियों ने सरकार से यह भी मांग की है कि सिविल अस्पताल में सभी प्रकार की जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं। इससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बाहर से महंगी दवाइयां खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। धरने में शामिल लोगों ने घोषणा की है कि रविवार 15 दिसंबर को धरने पर बैठे कुछ साथी मुंडन करवाएंगे। उनका कहना है कि यह कदम जनप्रतिनिधियों और सरकार का ध्यान खींचने के लिए उठाया जा रहा है।

हर दिन धरने में शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। महिला शक्ति, युवा वर्ग और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ-साथ अधिवक्ता और अन्य बुद्धिजीवी वर्ग भी इस आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं। सभी का एक ही उद्देश्य है – फरीदाबाद में चिकित्सा सुविधाओं को सुधारना और बादशाह खान अस्पताल को रैफर मुक्त बनाना।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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