हरियाणा में नए जिलों के गठन की कवायद तेज! असंध, हांसी और मानेसर को लेकर बढ़ी उम्मीदें
हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में लंबे समय से नए जिलों और उप-मंडलों की मांग उठती रही है। करनाल के असंध, हिसार के हांसी, सिरसा के डबवाली, गुरुग्राम के मानेसर और सोनीपत के गोहाना को नए जिले के रूप में मान्यता देने की मांग जोर पकड़ रही है।
हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक संरचना को मजबूत करने के लिए नई जिलों और उप-मंडलों के गठन की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है।विकास और पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक समिति का गठन किया गया। यह समिति तीन महीने के भीतर जिले, तहसील और कस्बों की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।
हरियाणा में नए जिलों की संभावनाएं
हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में लंबे समय से नए जिलों और उप-मंडलों की मांग उठती रही है। करनाल के असंध, हिसार के हांसी, सिरसा के डबवाली, गुरुग्राम के मानेसर और सोनीपत के गोहाना को नए जिले के रूप में मान्यता देने की मांग जोर पकड़ रही है। इनमें से हांसी और डबवाली वर्तमान में पुलिस जिले हैं जिससे उनके सामान्य जिले बनने में कोई खास बाधा नहीं होगी। इसके अलावा भिवानी के बवानी खेड़ा और रोहतक के कलानौर को उप-मंडल बनाने की मांग भी विचाराधीन है।
दिसंबर 2023 में बनाए गए थे छह नए उप-मंडल
पिछले साल दिसंबर में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश पर राज्य में छह नए उप-मंडलों का गठन किया गया था। इनमें मानेसर (गुरुग्राम), नीलोखेड़ी (करनाल), इसराना (पानीपत), छछरौली (यमुनानगर), नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) और जुलाना (जींद) शामिल हैं।
नई समिति की संरचना
नए जिलों और प्रशासनिक इकाइयों पर विचार करने के लिए गठित समिति में कई प्रमुख मंत्री शामिल हैं:
- कृष्ण लाल पंवार (विकास और पंचायत मंत्री) – अध्यक्ष
- महिपाल ढांडा (शिक्षा मंत्री)
- विपुल गोयल (राजस्व मंत्री)
- श्याम सिंह राणा (कृषि मंत्री)
इसके अलावा वित्तीय आयुक्त राजस्व और अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन अनुराग रस्तोगी को समिति में शामिल किया गया है। जरूरत पड़ने पर विधायकों को भी इस प्रक्रिया में जोड़ा जाएगा।
रिपोर्ट तैयार करने में तकनीकी सहायता
समिति की सहायता के लिए वित्तीय आयुक्त के प्रधान सचिव और राजस्व, विकास और पंचायत विभाग से जुड़े अधिकारी रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह समिति प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन पर स्थानीय जरूरतों, भौगोलिक परिस्थितियों और जनसंख्या घनत्व को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
हरियाणा में नए जिलों और उप-मंडलों के गठन की कवायद जनभावनाओं और विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू की गई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में नागरिक प्रशासनिक सेवाओं में सुधार और विकास योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की अपेक्षा कर रहे हैं।
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