हरियाणा में पंचायत मंत्री की बड़ी कार्रवाई, पांच अधिकारियों को किया सस्पेंड, जानें क्या है मामला
Haryana के विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्णलाल पंवार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पानीपत के इसराना खंड में सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित होने वाले लोहे के बेंच, हैंडपंप और वाटर कूलर से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है।
Haryana Five officers suspended: इस मामले में मंत्री ने तुरंत प्रभाव से इसराना खंड के बीडीपीओ (Block Development and Panchayat Officer), लेखाकार, सहायक और दो कनिष्ठ अभियंताओं को निलंबित करने का आदेश दिया। विभाग ने इन अधिकारियों पर कार्यवाही करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
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विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि उन्हें इस घोटाले की जानकारी ब्लॉक समिति इसराना के चेयरमैन हरपाल मलिक द्वारा दी गई थी। उनके द्वारा दी गई शिकायत में बताया गया कि विभाग के अधिकारियों ने विकास कार्यों में अनियमितताएँ की हैं जिनकी जांच करवाई गई। जांच में यह सामने आया कि सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए लोहे के बेंच, पीने के पानी के हैंडपंप और वाटर कूलर में भारी अनियमितताएँ पाई गईं और यह घोटाला लगभग तीन से चार करोड़ रुपये का हो सकता है। इस बारे में और विस्तृत जांच की जा रही है।
विकास कार्यों में पाई गई यह अनियमितताएँ और घोटाले की चौंकाने वाली बात है कि अधिकारी इसकी मंशा और योजना से इस घोटाले को अंजाम दे रहे थे। इस मामले के खुलासे से विभाग के प्रति जनता का विश्वास सवालों के घेरे में आ गया था। इन आरोपियों ने गबन की रकम को छुपाने की कोशिश की थी, लेकिन उनके द्वारा की गई अपराध का पता लगा लिया गया और मुख्यमंत्री द्वारा इसे व्यक्तिगत रूप से संज्ञान में लिया गया।
इस्राना के ब्लॉक डीपीओ विवेक कुमार सहित इन अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने करीब 23 लाख रुपए की गबन की राशि का वहन किया है। लेकिन, जब अधिकारियों को यह बात पता चली, तो उन्होंने मामले को रफ़ा दफा करने की कोशिश की। जिसके बाद मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने खुद को इस मामले में सक्रिय रूप से शामिल कर आरोपियों को इनके कृत्य से सबक सिखाने का प्रयास किया।
विकास एवं पंचायत विभाग ने इसकी तफ्तीश के बाद निर्धारित किया कि आरोपियों ने कामकाजी कागजों और प्रशासनिक दावों में भारी गड़बड़ की है और यह तय किया गया कि सभी दोषी अधिकारियों को सख्त दंड दिया जाएगा। इस बात को लेकर मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति लागू की गई है और भविष्य में ऐसे मामलों पर पूरी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसी प्रकार, मंत्री कृष्णलाल पंवार ने इस गबन की रकम की रिकवरी के लिए डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से 23 लाख 85 हजार रुपये की राशि को सरकारी खाते में जमा करने के आदेश दिए। इसकी पूरी प्रक्रिया सख्ती से पालन की जाएगी ताकि अधिकारियों द्वारा किए गए इस अपराधिक कृत्य के बाद सरकारी धन को सही जगह पर वापस लाया जा सके।
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मंत्री पंवार ने स्पष्ट किया कि उन्हें भविष्य में और भी ऐसे मामले सामने आने पर विभाग में और छानबीन की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। यह घोटाला सिर्फ सरकारी तंत्र की ही नीयत पर नहीं, बल्कि उनके मन में जनता के पैसे के प्रति संवेदनहीनता की ओर भी इशारा करता है और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मिसाल बना है कि किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि इस पूरी कार्रवाई से विभाग में एक कड़ा संदेश जाएगा कि किसी भी भ्रष्टाचार को न तो स्वीकार किया जाएगा, न ही सहन किया जाएगा। इसके साथ-साथ उन्होंने विभागीय कामकाजी प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने की बात की और अधिकारियों के द्वारा की गई गड़बड़ियों के खिलाफ कानून को मजबूती से लागू करने की बात कही।