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बधाई हो.. नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो का काम जल्द होगा शुरू, जानिए 17.435 किलोमीटर लंबे रूट की खासियतें

नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट पर कुल 17.435 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया जाएगा, जिसमें 11 मेट्रो स्टेशन होंगे। इस परियोजना की कुल लागत 2991 करोड़ 60 लाख रुपये अनुमानित है। पिछले डीपीआर में रूट की लंबाई 14.958 किलोमीटर थी, जिसे संशोधित कर अब 17.435 किलोमीटर कर दिया गया है।

Greater Noida Metro Project: नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने शुक्रवार को नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी दे दी है। अब इस रूट पर मेट्रो का निर्माण कार्य अगले साल शुरू होने की उम्मीद है। यह रूट नोएडा की एक्वा लाइन का एक्सटेंशन होगा जिससे सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 तक यात्रा आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।

2991 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा मेट्रो रूट

नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट पर कुल 17.435 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया जाएगा, जिसमें 11 मेट्रो स्टेशन होंगे। इस परियोजना की कुल लागत 2991 करोड़ 60 लाख रुपये अनुमानित है। पिछले डीपीआर में रूट की लंबाई 14.958 किलोमीटर थी, जिसे संशोधित कर अब 17.435 किलोमीटर कर दिया गया है। दो अतिरिक्त मेट्रो स्टेशनों के जुड़ने से लागत में 794 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

मेट्रो स्टेशन की सूची

इस रूट पर बनने वाले 11 मेट्रो स्टेशन निम्नलिखित हैं:

  1. नोएडा सेक्टर-51
  2. नोएडा सेक्टर-61
  3. नोएडा सेक्टर-70
  4. नोएडा सेक्टर-122
  5. नोएडा सेक्टर-123
  6. ग्रेटर नोएडा सेक्टर-4
  7. ग्रेटर नोएडा सेक्टर-12 (ईकोटेक)
  8. ग्रेटर नोएडा सेक्टर-2
  9. ग्रेटर नोएडा सेक्टर-3
  10. ग्रेटर नोएडा सेक्टर-10
  11. नॉलेज पार्क-5

इन स्टेशनों के जरिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को जाम से राहत मिलेगी और वे आरामदायक यात्रा का अनुभव कर सकेंगे।

यातायात जाम की समस्या होगी कम

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) के अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो चालू होने से 130 मीटर रोड पर लगने वाले जाम में कमी आएगी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को सुरक्षित और समय की बचत वाली यात्रा का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, शुरुआती चरण में इस रूट पर रोजाना लगभग 1.25 लाख यात्री सफर करेंगे।

केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार

उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब इस डीपीआर को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। अगर केंद्र सरकार अगले 2-3 महीनों में अनुमति दे देती है, तो वर्ष 2025 के अंत तक निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। अधिकारियों के अनुसार, इस रूट पर मेट्रो के संचालन की मांग स्थानीय निवासी 10 साल से कर रहे हैं।

नमो भारत योजना पर भी उठे सवाल

इस परियोजना के साथ गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक चलने वाली नमो भारत योजना पर भी चर्चा शुरू हो गई है। इस योजना में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक प्रमुख गोलचक्कर को जोड़े जाने का प्रस्ताव है। हालांकि, अभी इस रूट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

पांच साल पहले भी मिली थी मंजूरी

नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट को पहली बार 9 दिसंबर 2019 को यूपी कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। लेकिन, केंद्र सरकार से स्वीकृति न मिलने के कारण परियोजना शुरू नहीं हो सकी। वर्ष 2023 में केंद्र सरकार ने इस पर विचार करना शुरू किया और कुछ तकनीकी बदलावों के बाद नई डीपीआर तैयार की गई।

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