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UP News: अलीगढ़ में 23 बदहाल सड़कों की मरम्मत को हरी झंडी, जल्द शुरू होगा काम

UP News: Green signal given to repair 23 dilapidated roads in Aligarh, work will start soon

UP News Today : अलीगढ़ की जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। जिले की 23 बदहाल सड़कों पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड-1 ने इन सड़कों के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। इन परियोजनाओं पर कुल लागत पांच करोड़ रुपये से अधिक आएगी। खास बात यह है कि निर्माण कार्य के साथ पांच वर्षों का अनुरक्षण भी सुनिश्चित किया गया है।

अलीगढ़वासियों को मिला बड़ा तोहफा

जिले की सड़कें लंबे समय से खराब स्थिति में थीं, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अब लोक निर्माण विभाग ने इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए अहम कदम उठाया है। जिले में सड़क निर्माण के लिए दो खंड हैं—निर्माण खंड-प्रथम और प्रांतीय खंड। निर्माण खंड-प्रथम के अंतर्गत आने वाले लोधा, इगलास, गौंड़ा, गंगीरी, अकराबाद और धनीपुर ब्लॉकों की कई सड़कों की हालत बेहद खराब थी।

30 से अधिक सड़कों का प्रस्ताव भेजा गया था

जिला प्रशासन ने हाल ही में 30 से अधिक सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इनमें से 23 सड़कों को मंजूरी मिल चुकी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही अगले कुछ दिनों में निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।

पांच करोड़ से अधिक की लागत

इन 23 सड़कों के निर्माण में कुल पांच करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। प्रत्येक सड़क पर औसतन 15 से 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिशासी अभियंता संजीव पुष्कर ने बताया कि एस्टीमेट में सड़क निर्माण और संरक्षण के खर्च को शामिल किया गया है। इस बार पांच वर्षों की सुरक्षा की गारंटी भी दी गई है।

इन मार्गों का होगा निर्माण

जिले में जिन सड़कों का निर्माण होना है उनमें प्रमुख मार्ग शामिल हैं:

  • गोपी-विजयगढ़ मार्ग से मिर्जापुर वाया पटरी गुदमई मार्ग
  • भीकमपुर मलसई से नगला भीमसैन मार्ग
  • बरला मार्ग से कोलिया होते हुए अलफपुर मार्ग
  • अलीगढ़-राया मार्ग से महुआ तक
  • इगलास-गौंडा मार्ग पर विशनपुर संपर्क मार्ग
  • बड़ाकलां मार्ग से दौलताबाद मार्ग
  • हाथरस सीमा से अखईपुर मार्ग
  • साथिनी से मोनिया संपर्क मार्ग

इसके अलावा कई अन्य मार्गों की भी मरम्मत की जाएगी जो लंबे समय से खराब स्थिति में थे और स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रहे थे।

टेंडर प्रक्रिया में ठेकेदारों का विरोध

हालांकि पांच वर्षों की सुरक्षा गारंटी को लेकर ठेकेदारों के बीच असंतोष देखा गया है। ठेकेदार वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश चौधरी ने कहा कि पहले केवल दो वर्षों का अनुरक्षण होता था लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया है। इसी वजह से कई ठेकेदारों ने नए टेंडर प्रक्रिया का बहिष्कार किया है।

जिले में विकास की नई लहर

जिले में इन सड़कों की मरम्मत से स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। बेहतर सड़कें न केवल यातायात को सुगम बनाएंगी बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद, अगले कुछ महीनों में जिले की तस्वीर काफी बदल सकती है।

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