यूपी के इस शहर में 30 गांवों की जमीन पर बनेगा रिंग रोड, भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे 800 करोड़ रुपये
रिंग रोड का निर्माण 2,192.34 करोड़ रुपये की लागत से होगा जिसमें 800 करोड़ रुपये सिर्फ भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। अब तक 21 गांवों के 900 से अधिक किसानों से लगभग 187 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है।
Bareilly Ring Road: उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में जल्द ही ट्रैफिक जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बरेली के चारों ओर प्रस्तावित 29 किलोमीटर लंबी रिंग रोड परियोजना को हरी झंडी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहर के भीतर ट्रैफिक का भार कम करना और अन्य राज्यों से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
रिंग रोड का निर्माण 2,192.34 करोड़ रुपये की लागत से होगा जिसमें 800 करोड़ रुपये सिर्फ भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। अब तक 21 गांवों के 900 से अधिक किसानों से लगभग 187 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। शेष 9 गांवों की जमीन अगले एक महीने में अधिग्रहित करने की योजना है।
30 गांवों की ज़मीन पर बनेगी रिंग रोड
इस रिंग रोड परियोजना के लिए 30 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। खास बात यह है कि अब तक 200 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को वितरित किया जा चुका है। निर्माण के लिए झुमका तिराहा से शाहजहांपुर रोड स्थित इनवर्टिस यूनिवर्सिटी तक का मार्ग चुना गया है।
यह रिंग रोड तीन प्रमुख रेलवे ब्रिज और 11 छोटे-बड़े पुलों से सुसज्जित होगी। इसके अलावा हाईवे और बाईपास पर 17 अंडरपास बनाने की भी योजना है ताकि लोगों को ट्रैफिक जाम और रेलवे क्रॉसिंग की समस्याओं से छुटकारा मिले।
रिंग रोड से सफर होगा और भी आरामदायक
रिंग रोड का डिज़ाइन ऐसा है कि यह बरेली के बाहरी इलाकों को शहर के भीतर की प्रमुख जगहों से जोड़ेगी। इसमें झुमका, चौबारी और इनवर्टिस यूनिवर्सिटी के पास इंटरचेंज बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद बरेली के लोगों का सफर न केवल आरामदायक होगाबल्कि अन्य राज्यों से आने-जाने वालों के लिए भी यह एक बड़ी सुविधा साबित होगी।