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हरियाणा और राजस्थान को मिलेगा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 1400 करोड़ रुपये की लागत से जल्द शुरू होगा निर्माण

इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 1400 करोड़ रुपये होगी और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का उद्देश्य दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) को ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे (Trans Haryana Expressway) से जोड़ना है, जिससे यात्रा समय में कमी और यातायात के दबाव को कम किया जा सके।

हरियाणा और राजस्थान के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात आने वाली है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) बनाने की योजना शुरू की गई है। यह हाईवे दोनों राज्यों को जोड़ते हुए 86 किलोमीटर लंबा और 6 लेन का होगा। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 1400 करोड़ रुपये होगी, और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का उद्देश्य दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) को ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे (Trans Haryana Expressway) से जोड़ना है जिससे यात्रा समय में कमी और यातायात के दबाव को कम किया जा सके।

यह नया एक्सप्रेसवे हरियाणा के नारनौल से शुरू होकर राजस्थान के अलवर तक पहुंचेगा। इसे दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे के पास कोटपूतली के पनियाला गांव के पास से जोड़ा जाएगा। इस हाईवे के निर्माण से चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, और पंजाब जैसे राज्यों के लिए मुंबई तक की यात्रा अधिक सुविधाजनक और तेज़ हो जाएगी।

क्या है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का रूट?
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, राजस्थान के अलवर जिले से शुरू होकर हरियाणा के नारनौल तक पहुंचेगा। इसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे यात्री ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे से होते हुए सीधे अलवर के पास एक्सप्रेसवे में एंट्री कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में ट्रैफिक के दबाव को कम करना और लंबी दूरी की यात्रा को सुगम बनाना है।

क्या होंगे इस प्रोजेक्ट के फायदे?
यह एक्सप्रेसवे बनने के बाद हरियाणा और राजस्थान के साथ-साथ उत्तर भारत के कई राज्यों को भी लाभ मिलेगा। फिलहाल, अंबाला से मुंबई जाने के लिए गाड़ियों को दिल्ली में प्रवेश करना पड़ता है, जो भारी ट्रैफिक के कारण अतिरिक्त समय लेता है। इस नए हाईवे से अब दिल्ली के ट्रैफिक को बायपास कर मुंबई तक का सफर करीब 3 से 4 घंटे कम हो जाएगा।

इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रा समय को कम करेगा, बल्कि ईंधन की बचत और कार्बन उत्सर्जन को भी घटाएगा। दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव कम होने से सड़क हादसों की संख्या में भी कमी आ सकती है। साथ ही व्यापार और परिवहन के लिए यह हाईवे एक नई दिशा प्रदान करेगा।

निर्माण कार्य जल्द होगा शुरू
एनएचएआई (NHAI) ने इस प्रोजेक्ट के लिए 1400 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना से क्षेत्रीय विकास में बड़ा योगदान मिलेगा।

अलवर-कोटपूतली-अंबाला कॉरिडोर
यह एक्सप्रेसवे अंबाला से ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे के माध्यम से अलवर और कोटपूतली तक पहुंचेगा। इसे दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ने से चंडीगढ़, पंचकूला और अंबाला के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके जरिए यात्री सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जुड़ सकेंगे। हरियाणा और राजस्थान को जोड़ने वाले इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण से दोनों राज्यों में निवेश और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुधारने का काम करेगी बल्कि नए रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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