हरियाणा में इन लोगों की पेंशन में हुई 5000 रुपये की बढ़ोतरी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया ऐलान
कैबिनेट ने सर्वसम्मति से हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों की पेंशन में वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अब तक इन सत्याग्रहियों या उनके जीवित पति/पत्नी को 15,000 रुपये मासिक पेंशन मिल रही थी। इसे अब 20,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया जाएगा। इस कदम से उन परिवारों को लाभ होगा जिन्होंने हिंदी भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष किया था।
Haryana Cabinet Meeting 2024: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा की गई और निर्णय लिए गए। इस बैठक में 15 से अधिक एजेंडों पर विचार किया गया जिनमें से एक प्रमुख फैसला 1957 के हिंदी आंदोलन के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन बढ़ाने से संबंधित था।
कैबिनेट ने सर्वसम्मति से हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों की पेंशन में वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अब तक इन सत्याग्रहियों या उनके जीवित पति/पत्नी को 15,000 रुपये मासिक पेंशन मिल रही थी। इसे अब 20,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया जाएगा। इस कदम से उन परिवारों को लाभ होगा जिन्होंने हिंदी भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष किया था।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जून माह में इस वृद्धि का ऐलान किया था और अब कैबिनेट ने इसे कानूनी रूप से मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित वृद्धि से राज्य सरकार पर लगभग 96.60 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक खर्च बढ़ेगा जिससे कुल वार्षिक बजट लगभग 3.86 करोड़ रुपये हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस फैसले को राज्य की मातृभाषा के आंदोलन को सम्मान देने वाला कदम बताया।
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में सेना और सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने का भी निर्णय लिया गया। यह फैसला शहीदों के परिवारों के प्रति राज्य सरकार की संवेदना और सम्मान को व्यक्त करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा और उनके परिवारों के लिए यह मदद एक छोटी सी राहत होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में की घोषणाएं
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने बैठक में किए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहीदों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि में वृद्धि के साथ-साथ हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों की पेंशन में वृद्धि करने का फैसला राज्य सरकार के सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के इस कदम से न केवल हिंदी आंदोलन के पुरोधाओं को सम्मान मिलेगा बल्कि यह राज्य के हर नागरिक को उनकी मातृभाषा के लिए किए गए संघर्ष को याद करने का अवसर भी देगा।
1957 का हिंदी आंदोलन और मातृभाषा सत्याग्रह
1957 का हिंदी आंदोलन देशभर में मातृभाषा की रक्षा और प्रचार के लिए एक अहम आंदोलन था। इस आंदोलन के दौरान कई लोग अपनी मातृभाषा को सरकारी कामकाजी भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इन संघर्षों में भाग लेने वालों में से कई लोग आज भी जीवित हैं और उनकी पहचान और योगदान को राज्य सरकार सम्मानित कर रही है। पेंशन वृद्धि का निर्णय इन सत्याग्रहियों के योगदान को याद रखने और उन्हें सम्मान देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस कदम को हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि यह सिर्फ पेंशन वृद्धि तक सीमित नहीं है बल्कि एक बड़ा संदेश है कि राज्य सरकार अपने समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए काम कर रही है।
हरियाणा में सरकारी फैसलों का प्रभाव
इन निर्णयों से न केवल हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों और शहीदों के परिवारों को फायदा होगा बल्कि इससे राज्य के सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को भी मजबूती मिलेगी। यह फैसले राज्य की सामाजिक न्याय नीति को भी मजबूत करते हैं और इसे आगे बढ़ाने का संदेश देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार ऐसी योजनाओं पर काम कर रही है जो समाज के विभिन्न वर्गों के लिए लाभकारी हों। आगामी समय में भी राज्य सरकार इसी दिशा में कई और योजनाओं को लागू करने की तैयारी कर रही है ताकि समाज में समानता और विकास सुनिश्चित किया जा सके।