भारत 2030 तक बन सकता है दुनिया की आर्थिक महाशक्ति, सर्वे में हुआ खुलासा
रिपोर्ट में शामिल लगभग 53% उत्तरदाताओं का कहना है कि भारत 2030 तक दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति (economic power) बन जाएगा। सर्वे में भाग लेने वाले 2,400 भारतीय वरिष्ठ प्रबंधकों (senior managers), उद्यमियों (entrepreneurs) और युवा कारोबारियों ने विश्वास जताया कि देश का आर्थिक आत्मविश्वास (economic confidence) उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है।
2030 तक भारत (India) दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक दिग्गज (economic giants) देशों को पीछे छोड़ते हुए एक मजबूत अर्थव्यवस्था (economy) बन सकता है। यह दावा हाल ही में लंदन के थिंक टैंक लेगाटम इंस्टीट्यूट (Legatum Institute) द्वारा किए गए सर्वेक्षण (survey) में किया गया है। सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की प्रगति (progress) रफ्तार पकड़ रही है और यह अमेरिका, जापान और जर्मनी जैसे विकसित देशों के साथ-साथ चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं (emerging economies) से भी आगे निकल सकता है।
वैश्विक आर्थिक संकट के प्रभाव को कम करता भारत
सर्वे के अनुसार, पांच में से चार भारतीयों को लगता है कि वैश्विक आर्थिक संकट (global financial crisis) का असर भारत पर बहुत कम पड़ा है। विश्व बैंक (World Bank) के अनुसार, वर्तमान में भारत विश्व की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (economy) है और यह शीर्ष आर्थिक ताकत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 2009 में भारत को लेगाटम समृद्धि इंडेक्स (Legatum Prosperity Index) में 45वां स्थान दिया गया था, जहां सामाजिक और राजनीतिक डाटा (data) के आधार पर देशों की सफलता का आकलन किया जाता है।
युवा उद्यमियों ने यह भी बताया कि भारतीय समाज (Indian society) में उद्यमशीलता (entrepreneurship) की गहरी सोच और संकल्प है। यहां तक कि दो-तिहाई लोगों ने माना कि भारत के पास विश्व स्तर पर उद्यमिता में प्रतिस्पर्धा (global competition) का सबसे बड़ा मौका है।
सामाजिक प्रभाव से प्रेरणा लेते उद्यमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उद्यमी (Indian entrepreneurs) केवल धन कमाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अपने काम के सामाजिक प्रभाव (social impact) को भी महत्व देते हैं। करीब 54% उत्तरदाताओं ने कहा कि समुदायों (communities) के जीवन स्तर में सुधार करना उनके कार्यों की प्रेरणा है।
सर्वे में 84% लोगों का यह भी मानना था कि भारत सही दिशा (right direction) में बढ़ रहा है। हालांकि, यह भी कहा गया कि भ्रष्टाचार (corruption) और रिश्वतखोरी जैसी समस्याएं अभी भी भारत की आर्थिक वृद्धि (economic growth) को धीमा कर सकती हैं। लगभग 40% उद्यमियों ने बताया कि उनसे कारोबार में रिश्वत की मांग की गई, जबकि अन्य आधे उत्तरदाताओं ने सरकारी नौकरशाही (bureaucracy) और वित्त तक पहुंच को एक चुनौती बताया।
चुनौती बन सकता है भ्रष्टाचार
सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि भ्रष्टाचार (corruption) भारत में व्यवसायों के लिए एक बड़ी बाधा है। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि भारत के आर्थिक विकास को और तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए पॉलिसी सुधार (policy reforms) और पारदर्शिता (transparency) आवश्यक हैं। लेगाटम इंस्टीट्यूट का मानना है कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए सरकारी अफसरशाही और वित्तीय बाधाओं को कम करना होगा। इसके साथ ही उद्यमियों को निवेश (investment) और नए अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।