यूपी में खलीलाबाद-बलरामपुर-बहराइच रेल प्रोजेक्ट में तेजी, 17 गांवों में भूमि अधिग्रहण पूरा, जानिए क्या होगा रूट
UP News: उत्तर प्रदेश में परिवहन क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रही है जिनमें प्रमुख खलीलाबाद-बलरामपुर-बहराइच रेलवे परियोजना (Khalilabad-Balrampur-Bahraich Railway Project) है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल राज्य में रेल कनेक्टिविटी (UP Rail Connectivity) को बेहतर बनाना है बल्कि यह स्थानीय विकास को भी बढ़ावा देगा। प्रशासन द्वारा उठाए गए कई कदमों के कारण इस परियोजना को पूरा करने की राह अब साफ हो चुकी है और निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है।
17 गांवों में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की सफलता
खलीलाबाद-बलरामपुर-बहराइच रेलवे मार्ग के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण (UP Land acquisition) प्रक्रिया में प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर तय किया है। पहले चरण में खलीलाबाद से बांसी तक रेलवे ट्रैक (Khalilabad to Bansi Railway track) बिछाने के लिए 17 गांवों में भूमि अधिग्रहण का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में 26 दिसंबर से करवट लेगा मौसम, बारिश और ठंड बढ़ने की संभावना
इस प्रक्रिया में प्रशासन ने भूमि की पहचान, अभिलेखों का सत्यापन और किसान से संबंधित आपत्तियों का समाधान किया। इन गांवों में भूमि अधिग्रहण का काम होने के बाद अब रेलवे प्रशासन (UP Railway Administration) ने इस क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है। यह परियोजना खलीलाबाद-बलरामपुर-बहराइच रेल मार्ग का हिस्सा है जिसका उद्घाटन 2017 में हुआ था।
रेलवे प्रशासन ने किया काम का प्रारंभ
भूमि अधिग्रहण के बाद रेलवे प्रशासन ने खलीलाबाद से बांसी तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है। मखदूमपुर में जेसीबी द्वारा खुदाई और अन्य निर्माण कार्यों की शुरुआत के बाद से परियोजना में गति आई है। रेलवे प्रशासन ने रेलवे लाइन के निर्माण के लिए क्षेत्र को चिन्हित किया है और कब्जे के बोर्ड भी लगाए गए हैं। यह बोर्ड यह दर्शाते हैं कि निर्माण कार्य कहाँ शुरू हुआ है और कौन से क्षेत्र रेलवे प्रशासन की सीमा में आते हैं। इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि काम की गति और अधिक तेज़ होगी जिससे क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी जल्दी शुरू हो सकेगी।
29 गांवों में भूमि अधिग्रहण की नई पहल
इससे पहले, खलीलाबाद से बांसी तक रेलवे लाइन बिछाने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में कई जटिलताएँ आ रही थीं। शुरुआत में, भूमि अधिग्रहण का कार्य कुछ कारणों से रोक लिया गया था। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने अपनी योजना को फिर से समीक्षा करते हुए और एलाइन्मेंट को बदलकर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। इसके परिणामस्वरूप, 29 गांवों के किसानों को नई ज़मीन लेने की सूचना दी गई। भूमि अधिग्रहण के लिए दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों को मुआवजे के रूप में उचित राशि दी गई।
अब भूमि अधिग्रहण के समस्त कार्यों को एक नई दिशा में आगे बढ़ाते हुए, प्रशासन ने 17 गांवों में भूमि अधिग्रहण के अभिलेखों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर दी है। इन गांवों में मुआवजे का वितरण भी किया जा चुका है और किसानों को उनकी भूमि के उचित मूल्य के रूप में भुगतान किया गया है। इस प्रक्रिया की सफलता से प्रशासन को परियोजना के अगले चरण को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद मिली है।