सिरसा में निजी मशीन से भूमि पैमाइश का खेल, किसानों से मुंह मांगे दाम वसूल रहे रिटायर्ड कानूनगो
सिरसा में भूमि पैमाइश (Land Measurement) को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए किसानों का कहना है कि सरकारी मशीनें (Government Machines) बिना उपयोग के धूल फांक रही हैं और प्राइवेट मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। किसानों ने तहसील अधिकारियों पर निजी कानूनगो से सांठगांठ कर किसानों से मनमाने पैसे वसूलने का आरोप लगाया है।
किसानों ने दावा किया है कि तहसील कार्यालय (Tehsil Office) में अपनी भूमि की पैमाइश कराने के लिए आवेदन देने के बावजूद उन्हें सरकारी उपकरणों से माप नहीं मिलती। इसके बजाय रिटायर हुए कानूनगो (Retired Revenue Officers) को यह काम सौंप दिया जाता है जो निजी कार्यालयों में बैठकर भारी शुल्क वसूलते हैं।
निजी कानूनगो से जबरन वसूली का आरोप
किसानों ने बताया कि सरकारी विभाग से रिटायर हुए कई कानूनगो ने तहसील कार्यालय के आसपास अपने निजी कार्यालय खोल रखे हैं। जब भी कोई किसान अपनी भूमि की पैमाइश करवाने का आवेदन करता है तो अधिकारियों द्वारा इन निजी कानूनगो को ही जिम्मेदारी सौंपी जाती है। यह प्रक्रिया किसानों के लिए आर्थिक बोझ बन गई है क्योंकि उन्हें माप के लिए मनमानी कीमत चुकानी पड़ रही है।
सरकारी मशीनें निष्क्रिय, अधिकारी अनजान
नायब तहसीलदार लोकेश कुमार ने कहा कि उन्हें भूमि पैमाइश से संबंधित सरकारी मशीनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। दफ्तर के कानूनगो ने भी इस बात से इनकार किया। जिला राजस्व अधिकारी संजय बिश्नोई ने बताया कि सरकार ने सभी तहसीलों में भूमि पैमाइश उपकरण भेजे हैं लेकिन रानियां तहसील में इसकी वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं है।
किसानों में आक्रोश
किसानों का कहना है कि यह स्थिति सरकारी तंत्र की कमजोरियों को उजागर करती है। किसान संघों ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।
समाधान की मांग
किसानों ने सरकार से अपील की है कि भूमि पैमाइश की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुलभ बनाया जाए। सरकारी मशीनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए और निजी कानूनगो के साथ अधिकारियों की सांठगांठ को तोड़ा जाए।