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Most Expensive Toll Plaza: देश के इस एक्सप्रेसवे पर जमकर बरस रहा है पैसा, टोल कलेक्शन में रिकॉर्ड तोड़ उछाल

भारत में एक्सप्रेसवे (Expressway) के बढ़ते जाल के साथ टोल कलेक्शन में भी ज़बरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। हाल ही में जारी आंकड़ों से पता चला है कि दिसंबर 2024 में टोल कलेक्शन 19% की छलांग लगाकर 580 करोड़ रुपये पहुंच गया।

नई दिल्ली: टोल वसूली का खेल इन दिनों ज़बरदस्त तरीके से चर्चा में है। देश में तेज़ी से बन रहे Expressway ना सिर्फ़ यात्रियों का सफर आसान बना रहे हैं बल्कि सरकार के खज़ाने को भी मालामाल कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं Most Expensive Toll Plaza और उन Expressway के बारे में जो टोल कलेक्शन में बाकी सभी को पछाड़ चुके हैं।

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मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का जलवा

भाई, मुंबई-पुणे Expressway तो मानो कमाई का मशीन बन गया है। दिसंबर 2024 में इसने ₹163 करोड़ का टोल कलेक्शन किया। सुनने में आया है कि 94.5 किलोमीटर की इस छोटी-सी दूरी ने अपने जबरदस्त कलेक्शन से सबको हैरान कर दिया है। पिछले साल यही आंकड़ा ₹158.4 करोड़ था।

अगर सोच रहे हैं कि इतनी कम दूरी में इतनी कमाई कैसे? तो जनाब ये तो मुंबई-पुणे वालों का जादू है। गाड़ियों की लाइन और टोल प्लाज़ा पर लगने वाली लंबी कतारें यहाँ के Revenue (आमदनी) का सीधा सुबूत हैं।

हैदराबाद आउटर रिंग रोड की धमाल

अब बात करते हैं Most Expensive Toll Plaza की लिस्ट में अगली एंट्री की। हैदराबाद आउटर रिंग रोड ने तो इस बार सबको हैरान कर दिया। दिसंबर 2024 में इसने ₹71.3 करोड़ की कमाई कर ली। और जब आप इसे पिछले साल के आंकड़े ₹62.7 करोड़ से तुलना करेंगे, तो Growth (विकास) का अंदाज़ा आपको खुद ही लग जाएगा।

जबरदस्त इजाफे वाली सड़कें

देश की बाकी बड़ी सड़कों का हाल भी किसी से कम नहीं है। अहमदाबाद-वडोदरा Expressway और NH 48 ने दिसंबर 2024 में ₹70.7 करोड़ वसूले जो 2023 के ₹66 करोड़ से ज़्यादा हैं। यहाँ के सफर करने वालों ने जैसे तैसे जेब ढीली की, लेकिन इससे सरकार के खज़ाने को ज़बरदस्त फायदा हुआ।

चित्तौड़गढ़-गुलाबपुरा NH79 और उदयपुर-श्यामलाजी NH48 भी इस लिस्ट में पीछे नहीं रहे। यहाँ की कमाई क्रमशः ₹33.3 करोड़ और ₹27.6 करोड़ रही। ये सभी टोल कलेक्शन दिखाते हैं कि सरकार को वसूली का बड़ा स्कोप (Scope) मिल रहा है।

टोल किंग बनने की रेस जारी

बात अगर NH66 और NH211 की करें तो करवार से कुंडापुरा NH66 ने इस बार ₹13.4 करोड़ की वसूली की। वहीं सोलापुर-येदशी NH211 का आंकड़ा पिछले साल जैसा ही रहा ₹11.4 करोड़।

वहीं समाखियाली-संतलपुर NH27 ने चमत्कार दिखा दिया। दिसंबर 2024 में इसका टोल कलेक्शन ₹13 करोड़ तक पहुंच गया। जबकि 2023 में ये केवल ₹1.6 करोड़ था। यहाँ की प्रगति लोगों के सफर और Toll Management (टोल प्रबंधन) में आए सुधार का प्रमाण है।

क्यों बढ़ रहा है टोल कलेक्शन?

IRB इंफ्रा डेवलपर्स लिमिटेड और IRB इंफ्रा ट्रस्ट की मानें तो ये कमाई का ग्राफ (Graph) देश की बढ़ती GDP का नतीजा है। डिप्टी सीईओ अमिताभ मुरारका का कहना है कि वाहनों की बढ़ती आवाजाही से टोल कलेक्शन में उछाल देखा जा रहा है। जब देश की सड़कों पर रौनक बढ़ेगी तो वसूली भी बढ़ेगी।

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आखिर क्यों बनते हैं Most Expensive Toll Plaza?

अब ये सवाल हर किसी के मन में होगा कि आखिर मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे या हैदराबाद आउटर रिंग रोड इतने Expensive क्यों हैं? तो इसका जवाब सीधा है: बेहतर सुविधाएँ और Heavy Traffic (भारी ट्रैफिक)।

ये सड़कों की Maintenance (रखरखाव), चौड़ाई और वाहनों की संख्या इस प्लाजा की लागत बढ़ा देते हैं। इसके अलावा प्रीमियम लोकेशन इनकी कीमत और बढ़ा देती है।

Desi अंदाज़ में सोचने वाली बात

अब ये सोचिए कि जो जनता यहाँ टोल दे रही है वो सड़क पर सफर करते वक्त कितना Enjoy करती होगी। लंबी कतारें, झटपट स्कैन होते FASTag और Expressway की शानदार Smooth Driving Experience (स्मूथ ड्राइविंग अनुभव) ने इन्हें बाकी से अलग बना दिया है।

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