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भारत को चाहिए ज्यादा काम और कम आराम! Narayana Murthy ने वर्क-लाइफ बैलेंस को बताया ‘समय की बर्बादी’

मूर्ति का मानना है कि आराम के बजाय त्याग और कड़ी मेहनत ही भारत को आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा, "अगर आप स्मार्ट हैं तो भी आपको सफलता के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।

CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट के दौरान इंफोसिस के को-फाउंडर Narayana Murthy ने एक बार फिर वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर अपनी बेबाक राय जाहिर की। मूर्ति ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह वर्क-लाइफ बैलेंस में यकीन नहीं रखते। उन्होंने कहा, “भारत जैसे विकासशील देश में वर्क-लाइफ बैलेंस का कॉन्सेप्ट हमारे विकास के रास्ते में बाधा है। अगर हम दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं तो हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।” Narayana Murthy का कहना है कि भारत को तेजी से आगे बढ़ने के लिए कर्मचारियों को हफ्ते में ज्यादा समय काम करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा, “जब प्रधानमंत्री हर हफ्ते 100 घंटे काम कर सकते हैं तो बाकी लोगों को भी आगे बढ़कर मेहनत करनी चाहिए। यह समय आराम करने का नहीं, बल्कि अपने देश को समर्पित करने का है।”

Narayana Murthy की वर्क कल्चर को लेकर बेबाक राय

मूर्ति ने कहा कि भारत जैसे गरीब और विकासशील देश को चुनौतियों से निपटने के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस से ज्यादा मेहनत पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन केवी कामत के साथ हुई चर्चा का हवाला देते हुए बताया कि कामत ने भी कहा था कि भारत को वर्क-लाइफ बैलेंस के बजाय अपनी प्राथमिकता काम पर देनी चाहिए। मूर्ति ने कहा, “मुझे इस बात का अफसोस है कि हमने 1986 में हफ्ते में 6 दिन काम करने के बजाय 5 दिन का वर्किंग वीक अपनाया था। यह निर्णय मेरे लिए निराशाजनक था। मुझे आज भी लगता है कि हमें 6 दिन काम करने की व्यवस्था पर लौटना चाहिए।”

‘भारत को विकास के लिए चाहिए कड़ी मेहनत’

मूर्ति का मानना है कि आराम के बजाय त्याग और कड़ी मेहनत ही भारत को आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप स्मार्ट हैं तो भी आपको सफलता के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा। भारत को अगर ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर अपनी जगह बनानी है तो हमें बिना रुके मेहनत करनी होगी।” उन्होंने बताया कि अपने काम के दिनों में वह रोजाना 14 घंटे और हफ्ते में साढ़े छह दिन काम करते थे। मूर्ति ने कहा, “मैं सुबह 6:30 बजे ऑफिस पहुंचता था और रात 8:30 बजे घर लौटता था। यही मेरी दिनचर्या थी।”

भारतीयों को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह

इससे पहले मूर्ति ने कहा था कि भारतीयों को हफ्ते में कम से कम 70 घंटे काम करना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस छिड़ गई थी। कई लोगों ने मूर्ति की इस सलाह की आलोचना की, वहीं कुछ लोग उनके विचारों से सहमत दिखे। मूर्ति ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह समय आराम का नहीं, बल्कि देश के विकास के लिए काम करने का है। उन्होंने कहा, “अगर हम आराम करेंगे, तो दूसरे देश हमसे आगे निकल जाएंगे। इसलिए भारत को ज्यादा काम करने की जरूरत है।”

Narayana Murthy के विचारों पर सोशल मीडिया में मिली-जुली प्रतिक्रिया

मूर्ति के वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर दिए गए बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने मूर्ति के विचारों को प्रैक्टिकल बताया और कहा कि देश के विकास के लिए यह जरूरी है। वहीं कुछ लोगों ने इसे कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव बनाने वाला बयान बताया। हालांकि मूर्ति अपने विचारों पर दृढ़ हैं और कहते हैं कि वह मरते दम तक अपनी इस राय को नहीं बदलेंगे। उनका मानना है कि भारत को विकसित देशों के स्तर पर पहुंचने के लिए आराम की जगह कड़ी मेहनत को प्राथमिकता देनी होगी।

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Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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