सिरसा में 6 महीने पहले बना था ओटू साइफन, बहाव सहन करने में हुआ फेल, किसानों ने जताई नाराजगी
जानकारी के अनुसार ओटू हेड से आगे सिंचाई विभाग ने लगभग छह महीने पहले इस साइफन का निर्माण करवाया था। इसका उद्देश्य नहरों में बारी-बारी से पानी की आपूर्ति करना था। लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण कुछ समय बाद ही पाइप (Pipes) बिखर गए और मिट्टी भी बह गई।
Sirsa Otu Siphon: हरियाणा के sirsa जिले में स्थित चौधरी देवीलाल ओटू वीयर से निकलने वाली नहर पर बने नवनिर्मित साइफन में आई खराबी को ठीक करने के लिए रविवार को ठेकेदार की टीम (contractor’s team) ने मरम्मत कार्य (repair work) किया। इस दौरान सिंचाई विभाग (Irrigation Department) के अधिकारी भी उपस्थित रहे। किसानों ने निर्माण में घटिया सामग्री (substandard materials) के उपयोग का आरोप लगाया है जिससे उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
बहाव सहन करने में हुआ फेल
जानकारी के अनुसार ओटू हेड से आगे सिंचाई विभाग ने लगभग छह महीने पहले इस साइफन का निर्माण करवाया था। इसका उद्देश्य नहरों में बारी-बारी से पानी की आपूर्ति करना था। लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण कुछ समय बाद ही पाइप (Pipes) बिखर गए और मिट्टी भी बह गई। इस स्थिति ने किसानों को परेशान कर दिया और उन्होंने विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत की।
किसानों ने लगाया घटिया सामग्री का आरोप
किसानों ने निर्माण कार्य में लापरवाही और घटिया गुणवत्ता वाली सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया। उनका कहना है कि साइफन निर्माण में लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। किसान मुख्तार सिंह, दर्शन सिंह और प्रेम सिंह ने बताया कि सरसों और गेहूं की फसल के लिए उन्हें समय पर पानी नहीं मिला। इसके कारण उन्हें दोहरी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा।
मीडिया में मामला आने के बाद विभाग हरकत में आया
इस मामले को मीडिया में प्रमुखता मिलने के बाद विभाग सक्रिय हुआ। रविवार को ठेकेदार की टीम ने मौके पर पहुंचकर पाइप और मिट्टी का उपयोग करते हुए साइफन की मरम्मत का कार्य पूरा किया। किसानों का कहना है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
फसल प्रभावित होने से किसानों को हुआ नुकसान
किसानों ने बताया कि साइफन के टूटने के कारण उन्हें फसल की बुवाई के समय पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया। इससे उनकी उपज प्रभावित हुई और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। सिंचाई विभाग ने इस साइफन के निर्माण पर बड़ी धनराशि खर्च की थी, लेकिन इसके असफल होने से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाया।
अधिकारियों ने मरम्मत कार्य की निगरानी की
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मरम्मत कार्य की निगरानी की और जल्द से जल्द पानी की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठेकेदारों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करने का निर्देश दिया जाएगा।