सिरसा: चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट्स पर पुलिस की बर्बरता, विरोध के बाद SHO और ASI लाइन हाजिर
लॉ स्टूडेंट्स के अनुसार घटना 5 दिसंबर की रात की है। छात्र बस स्टैंड से सीडीएलयू लाइब्रेरी की ओर जा रहे थे तभी सिविल लाइन थाने के एसएचओ ने उन्हें रोका। स्टूडेंट्स ने बताया कि पुलिसकर्मियों के मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी। पहचान पत्र दिखाने के बावजूद एएसआई अवतार सिंह (ASI Avtar Singh) ने छात्रों से दुर्व्यवहार किया और गाली-गलौच करते हुए एक छात्र को गर्दन से पकड़कर धक्का दिया।
Sirsa Law Students: हरियाणा के सिरसा में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (Chaudhary Devi Lal University) के लॉ स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में 20 दिन बाद सिरसा एसपी विक्रांत भूषण (Sirsa SP) ने कार्रवाई करते हुए सिविल लाइन थाने के एसएचओ (sirsa sho) दिनकर यादव और एएसआई अवतार सिंह (Sirsa ASI) को लाइन हाजिर किया है। हालांकि पुलिसकर्मियों पर अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। बार एसोसिएशन के समर्थन के बावजूद छात्रों की संतुष्टि अधूरी है।
रात को बस स्टैंड के पास हुई झड़प
लॉ स्टूडेंट्स के अनुसार घटना 5 दिसंबर की रात की है। छात्र बस स्टैंड से सीडीएलयू लाइब्रेरी की ओर जा रहे थे तभी सिविल लाइन थाने के एसएचओ ने उन्हें रोका। स्टूडेंट्स ने बताया कि पुलिसकर्मियों के मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी। पहचान पत्र दिखाने के बावजूद एएसआई अवतार सिंह (ASI Avtar Singh) ने छात्रों से दुर्व्यवहार किया और गाली-गलौच करते हुए एक छात्र को गर्दन से पकड़कर धक्का दिया।
पिटाई के बाद पुलिस की गाड़ी में जबरन बैठाया
स्टूडेंट्स का कहना है कि जब उन्होंने विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें धमकाया। एसएचओ ने अन्य कर्मियों को छात्रों को जिप्सी में डालने का आदेश दिया। छात्रों में से एक निर्मल सिंह को थप्पड़ मारे गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती जिप्सी में बैठा लिया।
सुनसान जगह पर छोड़ा, धमकी दी
पीड़ित छात्रों ने बताया कि अगली सुबह उनके कुछ साथियों की परीक्षा थी जिस कारण उन्होंने पुलिसकर्मियों से छोड़ने की अपील की। इस पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें सुनसान इलाके में छोड़ दिया और धमकी देकर चले गए।
बार एसोसिएशन का समर्थन
घटना के बाद जिला बार एसोसिएशन (Sirsa Bar Association) के सदस्य अभिराग अरोड़ा समेत अन्य वकीलों ने 16 दिसंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में एमएलआर और अन्य सबूत भी प्रस्तुत किए गए। बार एसोसिएशन ने पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए सख्त कदम उठाने की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
घटना के 20 दिन बाद एसएचओ और एएसआई को लाइन हाजिर करना पुलिस की “खानापूर्ति” के रूप में देखा जा रहा है। स्टूडेंट्स का आरोप है कि यह कार्रवाई मात्र दिखावा है और पुलिस प्रशासन आरोपियों को बचाने में लगा हुआ है। अब छात्र और बार एसोसिएशन इस मामले को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।