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Sirsa Medical College: सिरसा में मेडिकल कॉलेज की जमीन पर जलभराव की समस्या, दिसंबर तक पाइपलाइन बिछाने का दावा

मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य के भूमि पूजन के दौरान मुख्यमंत्री के दौरे की सूचना पर पाइपलाइन का काम शुरू किया गया था। पाइपें रख दी गई थीं लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा। इस गंदे पानी की समस्या न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि सिरसा की स्वच्छता रैंकिंग में भी गिरावट का कारण बन रही है।

Sirsa Medical College : सिरसा के मेडिकल कॉलेज की जमीन और चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (CDLU) के पास स्थित भूमि पर वर्षों से गंदा पानी भरा हुआ है। स्थानीय नागरिक और प्रशासन इस समस्या से परेशान हैं। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिसंबर महीने तक इस समस्या का समाधान करने का दावा किया गया है। हालांकि पाइपलाइन बिछाने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

पाइपें रखीं, पर कार्य अधूरा

मेडिकल कॉलेज के भूमि पूजन से पहले पाइपें लाई गई थीं लेकिन ये आज भी वहीं पड़ी हुई हैं। पाइपलाइन बिछाने का कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है। विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि दिसंबर तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। शहर की मुख्य सीवरेज लाइन इसी क्षेत्र से गुजरती है। यह गंदा पानी वर्षों से पंपिंग सिस्टम के जरिए दूसरी लाइन में डाला जाता है लेकिन नाले तक सीधी पाइपलाइन बिछाने का काम अधूरा है। इसके चलते गंदा पानी खुले में बहता है जिससे स्वच्छता रैंकिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

सीएम के दौरे के दौरान शुरू हुआ था कार्य

मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य के भूमि पूजन के दौरान मुख्यमंत्री के दौरे की सूचना पर पाइपलाइन का काम शुरू किया गया था। पाइपें रख दी गई थीं लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा। इस गंदे पानी की समस्या न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि सिरसा की स्वच्छता रैंकिंग में भी गिरावट का कारण बन रही है। मिनी बाइपास पर खुले में बहते पानी और दूषित वातावरण से हर साल स्वच्छता रैंकिंग में अंकों की कटौती हो रही है।

प्रशासन और अधिकारियों के बयान

सुदीप कुमार, एसडीओ, जन स्वास्थ्य विभाग:
“पाइपलाइन बिछाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। दिसंबर के अंत तक मुख्य लाइन से नई लाइन को जोड़ दिया जाएगा।”

जयवीर सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षक, नगर परिषद सिरसा:
“स्वच्छता रैंकिंग में गंदे पानी की वजह से कटौती होती है। काम पूरा होने पर स्वच्छता में सुधार होगा।”

सीडीएलयू प्रशासन परेशान

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस समस्या के स्थायी समाधान की प्रतीक्षा है। जन स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। विश्वविद्यालय के पास बहते इस गंदे पानी से छात्र और स्टाफ भी प्रभावित हो रहे हैं।

स्वच्छता पर प्रभाव

खुले में बहते सीवरेज के कारण सिरसा शहर की स्वच्छता रैंकिंग लगातार गिर रही है। मिनी बाइपास के पास गुजरने वाले लोग बदबू और दूषित माहौल की शिकायत कर रहे हैं। यह समस्या न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि शहर की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

समाधान की उम्मीद

जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही इस समस्या के समाधान का दावा किया जा रहा है। दिसंबर के अंदर पाइपलाइन बिछाने और गंदे पानी की निकासी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूरा होने पर शहर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार की संभावना है।

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Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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