Haryana Property Rates: हरियाणा में 100 की स्पीड से बढ़े प्रॉपर्टी रेट्स,15 से 30 प्रतिशत तक बढ़े सर्कल रेट
Haryana सरकार के अनुसार इन नई दरों का मुख्य उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना है। सर्कल रेट्स को बढ़ाकर बाजार मूल्य के करीब लाने की कोशिश की गई है। इससे प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता आएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इन दरों में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने को फायदा होगा।
Haryana सरकार ने प्रॉपर्टी के नए सर्कल रेट्स लागू कर दिए हैं जिससे संपत्ति खरीदने और बेचने की लागत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। ये नई दरें रविवार 1 दिसंबर से प्रभावी हो गईं। बढ़े हुए सर्कल रेट का असर पूरे राज्य में सोमवार से सभी तहसीलों में साफ नजर आ रहा है।दिल्ली से सटे क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतों में 15 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और बाजार की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। हालांकि, प्रॉपर्टी बाजार में इससे हलचल पैदा हो सकती है, क्योंकि नए रेट्स से संपत्ति खरीदने वालों की लागत बढ़ गई है।
संपत्ति बाजार पर बढ़े सर्कल रेट का असर
सरकार द्वारा घोषित इन नई दरों का सबसे ज्यादा असर दिल्ली से सटे क्षेत्रों में देखा जा रहा है।
- अशोका एन्क्लेव में बढ़े व्यवसायिक प्रॉपर्टी के दाम: व्यवसायिक प्रॉपर्टी की कीमत 61,000 रुपये प्रति गज से बढ़कर 70,000 रुपये हो गई है। यह कुल 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
- डीएलएफ क्षेत्र में रिहायशी संपत्ति के दाम: डीएलएफ सेक्टर में रिहायशी प्लॉट्स की कीमतें 18,000 रुपये से बढ़कर 21,600 रुपये प्रति वर्ग गज हो गई हैं, जो कि 20 प्रतिशत की वृद्धि है।
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प्रमुख सेक्टरों और गांवों में कीमतें
फरीदाबाद और ग्रेटर फरीदाबाद में भी सर्कल रेट्स में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
- सेक्टर 14, 17, 18, और 19: इन सेक्टरों में व्यवसायिक प्लॉट्स के रेट्स में 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
- ग्रेटर फरीदाबाद का अमीपुर गांव: यहां कृषि भूमि की कीमतें 45 लाख रुपये प्रति एकड़ से बढ़कर 49 लाख रुपये हो गई हैं। यह 10 प्रतिशत का इजाफा है।
- रिहायशी और व्यवसायिक संपत्ति: राज्यभर में रिहायशी और व्यवसायिक संपत्तियों के दामों में औसतन 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सरकार का उद्देश्य और बाजार का विश्लेषण
Haryana सरकार के अनुसार इन नई दरों का मुख्य उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना है। सर्कल रेट्स को बढ़ाकर बाजार मूल्य के करीब लाने की कोशिश की गई है। इससे प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता आएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इन दरों में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने को फायदा होगा। हालांकि इससे प्रॉपर्टी खरीदने वालों को अधिक खर्च करना होगा।
प्रॉपर्टी बाजार में हलचल
बढ़े हुए सर्कल रेट्स ने प्रॉपर्टी बाजार में नई हलचल पैदा कर दी है। विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर के आसपास के क्षेत्रों में संपत्ति की मांग पर प्रभाव पड़ सकता है। रियल एस्टेट एजेंट्स का कहना है कि नई दरें प्रॉपर्टी की कीमतों को बाजार मूल्य के करीब लाएंगी। हालांकि इससे खरीदारी में कुछ समय के लिए कमी आ सकती है।