हरियाणा में अब इस काम के लिए गांवों को नहीं मिलेगा बजट, सीएम के आदेश से ग्राम पंचायतों को बड़ा झटका
हरियाणा सरकार ने पंचायतों (Panchayats) के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) ने स्पष्ट किया है कि अब गांवों के जोहड़ों (Ponds) के सुंदरीकरण के लिए कोई अलग बजट नहीं मिलेगा।
Haryana News: पंचायतें अपने मद से ही इन जोहड़ों की साफ-सफाई और रखरखाव का काम करेंगी। इसके लिए पंचायतों को अपने बजट का उपयोग करने की अनुमति होगी लेकिन 21 लाख रुपये तक के काम ही बिना ई-टेंडरिंग (E-Tendering) के किए जा सकेंगे। इससे ज्यादा राशि के काम विभाग के माध्यम से ई-टेंडरिंग से कराए जाएंगे।
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प्रदेश के 23 गांवों में पंचायती राज विभाग ने पहले ही करोड़ों रुपये खर्च कर जोहड़ों का सुंदरीकरण किया है। हालांकि अब इन कार्यों की जिम्मेदारी पंचायतों को दी गई है। भिवानी जिले में कई ग्राम पंचायतों ने अपने जोहड़ों की सफाई और उनके रखरखाव के लिए प्रस्ताव भेजे हैं। इन प्रस्तावों पर विभाग ने जवाब दिया है कि पंचायतें अपने स्तर पर इन कार्यों को पूरा करें।
पंचायतें खुद होंगी जिम्मेदार
भिवानी जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जल स्तर (Water Table) काफी नीचे जा चुका है। ऐसे में भूमिगत जल (Groundwater) को रिचार्ज करने और जल संचय (Water Conservation) के लिए सरकारी विभाग भी सक्रिय हैं। पंचायती राज विभाग अब गांवों के जोहड़ों के लिए अलग से बजट देने की बजाय ग्राम पंचायतों को अपनी निधि से काम करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर 21 लाख रुपये तक के काम बिना टेंडर के कर सकती हैं। इससे अधिक लागत के प्रोजेक्ट्स ई-टेंडरिंग से पूरे किए जाएंगे। इस नई नीति के तहत, पंचायतों को जल संरक्षण और जोहड़ों के विकास का जिम्मा दिया गया है।
सिंचाई विभाग बनाएगा बड़े टैंक
भिवानी जिले के बिजलानावास गांव में सिंचाई विभाग (Irrigation Department) दो एकड़ भूमि पर पानी भंडारण (Water Storage) के लिए टैंक बना रहा है। यह टैंक नहर के पानी (Canal Water) को स्टोर करेगा और इसका उपयोग खेती और पेयजल जरूरतों के लिए किया जाएगा। इन टैंकों में लगभग दस हजार क्यूबिक फीट पानी भंडारण की क्षमता होगी, जिससे भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
पंचायती राज विभाग के अधिकारी का बयान
भिवानी जिले के पंचायती राज तकनीकी विभाग के कार्यकारी अभियंता संभव जैन ने कहा, “ग्राम पंचायतें 21 लाख रुपये तक के काम खुद कर सकती हैं। इससे अधिक राशि के काम ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से कराए जाएंगे। पहले जिले के 23 गांवों में जोहड़ों के सुंदरीकरण का काम किया गया था।”