Soundproof Expressway : यहां बनेगा देश का पहला साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे, गाड़ियां दौड़ेंगी और जानवर लेंगे चिल!
दिल्ली और देहरादून के यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही देश का पहला साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे (Sound Proof Expressway) आम जनता के लिए खुलने वाला है। इस हाईटेक एक्सप्रेसवे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा तैयार किया गया है।
Soundproof Expressway Update : दिल्ली और देहरादून के यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही देश का पहला साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे (Sound Proof Expressway) आम जनता के लिए खुलने वाला है। इस हाईटेक एक्सप्रेसवे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा तैयार किया गया है। जंगलों में रहने वाले जानवरों की सुरक्षा के लिए इस प्रोजेक्ट में खास ध्यान दिया गया है। रिसर्च और आधुनिक तकनीक के जरिये साउंड और लाइट पॉल्यूशन (Pollution) को नियंत्रण में रखा गया है, ताकि जंगल की शांति बनी रहे।
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6.5 घंटे का सफर होगा सिर्फ 2.5 घंटे में पूरा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) को भारतमाला प्रोजेक्ट का हिस्सा बताया जा रहा है। इसे जनवरी 2025 तक शुरू किए जाने की योजना है। एक्सप्रेसवे के जरिए 6.5 घंटे का सफर सिर्फ 2.5 घंटे में पूरा होगा। यात्रियों के लिए 120 किलोमीटर प्रति घंटे (120 kmph Speed) की गति से यात्रा करना संभव होगा, जिससे सफर तेज और सुगम हो जाएगा।
12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर
एक्सप्रेसवे के निर्माण में सबसे बड़ी खासियत इसका 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर (Elevated Wildlife Corridor) है। यह राजाजी नेशनल पार्क और शिवालिक पहाड़ियों से होकर गुजरता है, जो हाथी और अन्य जंगली जानवरों के लिए जाना जाता है। यह कॉरिडोर जंगल सफारी का अनुभव देगा, जिससे पर्यटकों को प्रकृति के करीब होने का एहसास होगा।
साउंड और लाइट प्रूफ तकनीक की खासियत
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को साउंड प्रूफ बनाने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने नई तकनीक विकसित की है। गाड़ियों का शोर और रात के समय लाइटों की चमक जंगल तक नहीं पहुंचेगी। ये तकनीक जानवरों के प्राकृतिक आवास को बचाने के लिए अहम साबित होगी। इसके अलावा वाइल्डलाइफ फेंसिंग और अंडरपास बनाए गए हैं, ताकि जानवरों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यात्रियों की सुरक्षा को दी गई प्राथमिकता
इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां दोनों तरफ रेलिंग, ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। ट्रॉमा सेंटर के साथ-साथ एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की सेवाएं भी ऑन-डिमांड उपलब्ध होंगी। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं।
13,000 करोड़ रुपये का निवेश
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को बनाने में 13,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह परियोजना तीन राज्यों—दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड—को जोड़ती है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित, तेज और आरामदायक सफर देना है।
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सुरंग और पुल का अनोखा निर्माण
इस प्रोजेक्ट में 110 अंडरपास, चार बड़े पुल और पांच रेलवे ओवरब्रिज शामिल हैं। इसके साथ ही 340 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण भी किया गया है, जो पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है।