हरियाणा में सरकारी विभागों में छंटनी का दौर, इन 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट
हरियाणा सरकार ने राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में लगे अस्थायी कर्मचारियों (Temporary Workers) की छंटनी की प्रक्रिया तेज कर दी है।
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चंडीगढ़: हरियाणा में “आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2” (Outsourcing Policy Part-2) के तहत नियुक्त ग्रुप C और ग्रुप D के कर्मचारियों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। मुख्य सचिव विवेक जोशी ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे उन कर्मचारियों का डेटा (Data) जल्द से जल्द प्रस्तुत करें, जिन्हें नियुक्ति के बाद हटाया गया है।
सरकार ने यह भी पूछा है कि कितने कर्मचारी “हरियाणा कांट्रेक्चुअल इंप्लॉयीज (सिक्योरिटी ऑफ सर्विस) एक्ट, 2024” (Haryana Contractual Employees Security of Service Act, 2024) के तहत कवर किए गए हैं। इस कदम से सरकारी विभागों में खलबली मच गई है, क्योंकि छंटनी की प्रक्रिया का सीधा असर उन कर्मचारियों पर पड़ सकता है, जो वर्षों से इन सेवाओं में कार्यरत हैं।
20 हजार भर्तियां और नौकरी पर संकट
हरियाणा कौशल रोजगार निगम (Haryana Skill Employment Corporation) के माध्यम से हाल ही में 20 हजार नई भर्तियां की गई थीं। परंतु अब स्थायी (Permanent) कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद ग्रुप C और ग्रुप D के अस्थायी वर्करों को हटाने का आदेश दिया गया है। इस निर्णय से 20 हजार अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है।
मुख्य सचिव विवेक जोशी ने सभी प्रबंध निदेशकों, मंडल आयुक्तों, और जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर कहा है कि उनके विभागों में ग्रुप C और ग्रुप D के कितने अस्थायी कर्मचारियों को हटाया गया है, और कितने कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी एक्ट के तहत आते हैं, इसकी पूरी जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जाए।
छंटनी से उपजे सवाल
सरकार ने हरियाणा के सरकारी विभागों में पारदर्शिता (Transparency) लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। हालांकि, यह छंटनी प्रक्रिया उन अस्थायी कर्मचारियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है, जो लंबे समय से सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। इससे राज्यभर में अस्थायी कर्मचारियों के बीच असमंजस और तनाव की स्थिति बन गई है।
नौकरी सुरक्षा का मुद्दा
हरियाणा कांट्रेक्चुअल इंप्लॉयीज (सिक्योरिटी ऑफ सर्विस) एक्ट, 2024 को लेकर भी सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह उन कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रदान करेगा, जो तय मानदंडों के तहत आते हैं। हालांकि, सभी अस्थायी कर्मचारी इस सुरक्षा के दायरे में नहीं आते हैं, जिससे उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ रही है।
क्या कहती है सरकार?
सरकार का कहना है कि नई भर्तियों से राज्य के सरकारी विभागों में दक्षता (Efficiency) बढ़ेगी। इसके साथ ही, स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति से सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा। हालांकि, अस्थायी कर्मचारियों को हटाने का निर्णय लेने से पहले सरकार ने उनकी पूरी जानकारी मांगी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छंटनी की प्रक्रिया निष्पक्ष (Fair) और पारदर्शी हो। हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! BREAKING NEWS के लिए अभी हमारे व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े।