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Wheat Price: OMSS स्कीम से गेहूं के बाजार में गिरावट, लेकिन फिर भी किसानों को मिलेंगे अच्छे दाम

बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू होने की खबर के बाद कीमतों में ₹100 से ₹150 की गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव ₹3045 पर आ गया है। दूसरी मंडियों में भी गिरावट और स्थिरता के मिले-जुले संकेत हैं।

केंद्र सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू कर दी है। इस कदम के बाद जो गेहूं की कीमतें ₹3200 प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी थीं अब गिरकर ₹3050 से नीचे आ गई हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह मंदी अस्थायी है। बाजार में बेचे जा रहे गेहूं की मात्रा को लेकर व्यापारी और मिलर्स चिंतित हैं क्योंकि यह उनकी आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त नहीं है।

छोटे और बड़े मिलों को कितना मिलेगा गेहूं?

सरकार ने फिलहाल छोटे मिलों को 25 टन और बड़े मिलों को 100 टन गेहूं बिक्री करने की योजना बनाई है। हालांकि यह योजना उनकी क्षमता के अनुपात में कम है। छोटी मिलें एक सप्ताह में लगभग 100 टन गेहूं की मिलिंग कर सकती हैं जबकि बड़ी मिलें 300 टन तक।इस समय की बिक्री की मात्रा को देखते हुए व्यापारियों का मानना है कि सरकार को ओएमएसएस स्कीम के तहत बेचे जाने वाले गेहूं की मात्रा में बढ़ोतरी करनी चाहिए।

गेहूं के भाव में गिरावट

बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू होने की खबर के बाद कीमतों में ₹100 से ₹150 की गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव ₹3045 पर आ गया है। दूसरी मंडियों में भी गिरावट और स्थिरता के मिले-जुले संकेत हैं।

प्रमुख मंडियों के भाव:

  • दरभंगा मंडी: ₹2990 (नेट)
  • धनबाद मंडी: ₹3030 (नेट), ₹10 की तेजी
  • पीलीभीत मंडी: ₹2875/2900, ₹25 की गिरावट
  • कौशाम्बी मंडी: ₹2800, 1000 कट्टों की आवक
  • बहराइच मंडी: ₹2775, 2000 बोरी की आवक

गेहूं की बुवाई और उत्पादन की स्थिति

मौजूदा मौसम गेहूं की फसल के लिए अनुकूल नहीं रहा। सर्दी कम पड़ने की वजह से किसानों को फसल की बुवाई में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अब तक मात्र 6 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई बढ़ी है।
पिछले वर्ष भारत में 324 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी। इस साल यह आंकड़ा 330-331 लाख हेक्टेयर तक पहुंच सकता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और गेहूं की कीमत

सरकार ने आगामी सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2425 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष से ₹150 अधिक है। MSP बढ़ने से अगले साल गेहूं की कीमतों में और तेजी की संभावना है।

जानकारों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में गेहूं की मौजूदा मंदी अस्थायी है। सरकार द्वारा बेचे जा रहे गेहूं की मात्रा कम होने के कारण बाजार में कुछ समय बाद फिर से तेजी आ सकती है। हालांकि सरकार को आने वाले समय में गेहूं की बिक्री की मात्रा बढ़ाने की जरूरत है ताकि महंगाई को नियंत्रित किया जा सके।

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Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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