8वें वेतन आयोग की घोषणा पर अभी कोई योजना नहीं, केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर सवाल
8th pay commission latest news : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि फिलहाल 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। यह खबर देश के 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक साबित हो रही है। लंबे समय से यह उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार फरवरी 2025 के बजट में नए वेतन आयोग (new pay commission) की घोषणा कर सकती है। हालांकि सरकार के इस स्पष्टीकरण ने इन संभावनाओं पर रोक लगा दी है।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की बढ़ती मांग
कर्मचारी संघों ने सरकार से जल्द से जल्द नया वेतन आयोग गठित करने की मांग की है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के परिसंघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस विषय में जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इसके अलावा अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने भी आंदोलन की योजना बनाई है। महासंघ ने घोषणा की है कि नए साल पर देशव्यापी प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि वे 28 और 29 दिसंबर को कानपुर में एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करेंगे जिसमें आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बैठक में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
क्या वेतन में होगी 186% की वृद्धि?
हाल ही में एनसी-जेसीएम (National Council of Joint Consultative Machinery) के कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्रा के बयान ने चर्चा को और गर्म कर दिया है। मिश्रा का कहना है कि अगर अगला वेतन आयोग “कम से कम 2.86” के फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) की सिफारिश करता है तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है।
इस संभावित वृद्धि का मतलब है कि कर्मचारियों के वेतन (Salaries of employees) में लगभग 186% की वृद्धि हो सकती है। इसी तरह पेंशनभोगियों की पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है। यह फिटमेंट फैक्टर सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा और यदि इसे लागू किया गया तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है।
कर्मचारी संघों की प्रतिक्रिया
विभिन्न कर्मचारी संघ इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद से मुद्रास्फीति और जीवनयापन की बढ़ती लागत के कारण कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन वृद्धि अत्यंत आवश्यक हो गई है।
सरकार का पक्ष
सरकार का कहना है कि फिलहाल नए वेतन आयोग के गठन की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि कर्मचारी संघों और महासंघों के बढ़ते दबाव को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने संकेत दिया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। महासंघ ने 2024 के शुरुआती महीनों में देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी भी दी है।