New GST Rules: जीएसटी दाखिल करने के नियमों में बड़ा बदलाव! तीन साल बाद ये लोग नहीं भर पाएंगे रिटर्न
GSTएन के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह कदम समय पर अनुपालन को सुनिश्चित करने और करदाताओं को अपने रिकॉर्ड समय पर अपडेट करने के लिए प्रेरित करेगा। जो करदाता अपने रिटर्न अभी तक दाखिल नहीं कर पाए हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वे जल्द से जल्द ऐसा करें।
New GST Rules 2024 : सरकार ने GST (goods and services tax) रिटर्न दाखिल करने से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है। 2025 से लागू होने वाले इन नए नियमों के तहत, GST रिटर्न दाखिल करने की अंतिम समयसीमा रिटर्न जमा करने की तिथि से केवल तीन साल तक ही मान्य होगी। माल एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) ने इस परिवर्तन की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह बदलाव मासिक बिक्री रिटर्न, देनदारी भुगतान, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर कर संग्रह (TDS) से संबंधित सभी रिटर्न पर लागू होगा।
GST रिटर्न भरने की नई समयसीमा
GSTएन के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह कदम समय पर अनुपालन को सुनिश्चित करने और करदाताओं को अपने रिकॉर्ड समय पर अपडेट करने के लिए प्रेरित करेगा। जो करदाता अपने रिटर्न अभी तक दाखिल नहीं कर पाए हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वे जल्द से जल्द ऐसा करें। GSTएन ने कहा कि 2025 में लागू होने वाले इन बदलावों के बाद तीन साल की अवधि के बाद रिटर्न दाखिल करना पूरी तरह से असंभव हो जाएगा। यह नियम पुराने बकाया रिटर्न को खत्म करने और करदाताओं के रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है।
तीन साल बाद रिटर्न दाखिल करना क्यों नहीं होगा संभव?
रजत मोहन जो AMRG एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार हैं ने इस बदलाव को एक बड़ा सुधार बताया। उन्होंने कहा, “यह बदलाव GST प्रणाली के अंदर बेहतर आंकड़ों की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए है। साथ ही यह उन करदाताओं के लिए समयसीमा को स्पष्ट करता है जो लंबे समय से अपने रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस नई व्यवस्था के तहत कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने GST फाइलिंग का ऑडिट करें और जल्द से जल्द बाकी बचे रिटर्न को भरें।
अनुपालन सुनिश्चित करने का उद्देश्य
इस कदम का उद्देश्य करदाताओं को समय पर अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह न केवल GST प्रणाली के भीतर बकाया मामलों को कम करेगा बल्कि डेटा की सटीकता और पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा। हालांकि, यह बदलाव उन करदाताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिनके पास पुराने रिकॉर्ड्स को अपडेट करने के लिए आवश्यक संसाधन या समय नहीं है। ऐसे करदाताओं को प्रशासनिक और लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
समय पर रिटर्न दाखिल करने की सलाह
विशेषज्ञों का सुझाव है कि सभी कंपनियां अपने रिकॉर्ड्स की गहन समीक्षा करें और किसी भी बकाया रिटर्न को समय सीमा समाप्त होने से पहले पूरा करें। इससे संभावित जुर्माने और कानूनी परेशानियों से बचा जा सकता है। करदाता यह सुनिश्चित करें कि वे समय पर अपने रिटर्न फाइल करें और किसी भी देरी से बचें। GST पोर्टल पर यह बदलाव जनवरी 2025 से लागू होगा और करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे इसे गंभीरता से लें।
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