चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बड़ा उछाल, एडवांस टैक्स कलेक्शन ने बनाया नया रिकॉर्ड
Direct Tax Collection: वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार 17 दिसंबर तक देश ने कुल 15.82 लाख करोड़ रुपये का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन किया है जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 16.45% अधिक है।
इस आंकड़े में कॉरपोरेट टैक्स, व्यक्तिगत आयकर (Non-Corporate Tax) और प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) जैसे सभी प्रमुख घटक शामिल हैं। खास बात यह है कि एडवांस टैक्स कलेक्शन में भी 21% की बढ़त देखी गई जो 7.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
कॉरपोरेट टैक्स का योगदान 7.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है जबकि नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 7.97 लाख करोड़ रुपये के करीब है। इसके अतिरिक्त 40,114 करोड़ रुपये का एसटीटी भी इस अवधि में एकत्र किया गया है।
यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि सरकार का राजस्व आधार मजबूत हो रहा है जो देश की आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
करदाताओं को राहत
सरकार ने इस साल टैक्स रिफंड जारी करने में भी तेजी दिखाई है। 17 दिसंबर तक 3.39 लाख करोड़ रुपये के टैक्स रिफंड दिए जा चुके हैं जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 42.49% अधिक है।
ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है जो सालाना आधार पर 20.32% की वृद्धि को दर्शाता है। करदाताओं के लिए यह एक राहत की बात है क्योंकि तेजी से रिफंड प्रक्रिया न केवल उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करती है बल्कि कर प्रणाली में भरोसा भी बढ़ाती है।
इन आंकड़ों के पीछे सरकार की नीतियों और डिजिटलीकरण का बड़ा योगदान है। रिफंड प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया गया है जिससे करदाताओं को समय पर उनके रिफंड मिल रहे हैं।