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50 रुपये के नोट पर बड़ा अपडेट, RBI ने किया ये नया धमाका

नई दिल्ली: अगर आपके पास 50 रुपये का नोट है तो अब इसे गौर से देखिए, क्योंकि जल्द ही एक नया वर्जन आपके हाथों में होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ऐलान किया है कि वह गवर्नर संजय मल्होत्रा (जो दिसंबर 2024 में इस पद पर आए थे) के सिग्नेचर वाला 50 रुपये का नया नोट लॉन्च करने जा रहा है। यह नया नोट महात्मा गांधी (न्यू) सीरीज के तहत होगा और इसका डिज़ाइन मौजूदा 50 रुपये के नोट से मिलता-जुलता रहेगा।

पुराने नोट भी पूरी तरह Chalega

अब भाई, अगर आप ये सोच रहे हैं कि पुराने 50 रुपये के नोट बेकार हो जाएंगे तो No tension! आरबीआई ने साफ कर दिया है कि पहले से चल रहे 50 रुपये के सभी नोट पूरी तरह वैध रहेंगे। इसका मतलब ये है कि चाहे नया नोट आ जाए, लेकिन पुराने नोट से भी आपको खरीदारी में कोई अड़चन नहीं होगी।

नोट का Desi लुक और खासियत

चलते-चलते एक नजर डाल लेते हैं मौजूदा 50 रुपये के नोट पर। ये नोट महात्मा गांधी (नई) सीरीज का हिस्सा है और इसका साइज 66 मिमी x 135 मिमी है। इसका मेन कलर फ्लोरोसेंट नीला है। नोट के पीछे की तरफ रथ के साथ हम्पी का सुंदर चित्र है, जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को शोकेस करता है। इस चित्र को देखकर दिल में एकदम देसी Proud वाली फीलिंग आती है।

संजय मल्होत्रा की नई जिम्मेदारी

अब ये नया नोट खास क्यों है? क्योंकि इस पर आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के सिग्नेचर होंगे। मल्होत्रा जी ने दिसंबर 2024 में शक्तिकांत दास को रिप्लेस किया था। अब दास जी के हस्ताक्षर वाले नोट धीरे-धीरे पीछे छूट जाएंगे और मल्होत्रा जी के सिग्नेचर वाले नए नोट मार्केट में धूम मचाने आ रहे हैं।

2000 रुपये के नोट पर भी चर्चा ज़रूरी है

अब बात सिर्फ 50 रुपये के नोट तक ही सीमित नहीं है। 2000 रुपये के नोट भी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आरबीआई ने जानकारी दी है कि 31 जनवरी 2025 तक 2000 रुपये के 98.15% नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। बाकी बचे हुए 6,577 करोड़ रुपये के नोट अभी भी जनता के पास हैं।

मई 2023 में आरबीआई ने घोषणा की थी कि 2000 रुपये के नोटों को वापस लिया जाएगा। लेकिन लोगों को Chill रहने को कहा गया था क्योंकि इन नोटों को बैंकों में जमा या एक्सचेंज किया जा सकता था। अब 2000 के नोट लगभग सिस्टम से बाहर हो चुके हैं, और ये साफ है कि 2000 का जमाना जल्दी खत्म हो जाएगा।

2000 रुपये के नोट वापसी की कहानी

जब मई 2023 में ये फैसला आया तो लोग भागते-भागते बैंक पहुंचे। लेकिन इस बार नोटबंदी जैसी हड़बड़ाहट नहीं थी, क्योंकि इस बार सरकार ने आराम से और फ्रेंडली तरीका अपनाया था। एक्सचेंज और डिपॉजिट के लिए लोगों को पूरा समय दिया गया।

आरबीआई के इस कदम का मकसद सिस्टम में छोटे नोटों की संख्या बढ़ाना था ताकि आम लोगों को लेन-देन में आसानी हो। छोटे नोटों का चलन बढ़ने से मार्केट में कैश फ्लो ज्यादा स्मूथ हो जाता है।

50 रुपये के नए नोट के पीछे का Logic

नए नोट लाने के पीछे एक बड़ा कारण देश की अर्थव्यवस्था में ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, नए गवर्नर के सिग्नेचर के साथ नोट लॉन्च करना एक रिवाज भी है। हर बार नए गवर्नर के साथ नई शुरुआत होती है।

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