8वें वेतन आयोग की घोषणा पर केंद्र सरकार का जवाब, कर्मचारियों की उम्मीदें टूटीं
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। इस बारे में राज्यसभा सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या 2025-26 के बजट में नए वेतन आयोग का गठन किया जाएगा।
Central Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए इस समय एक बड़ी खबर है। लंबे समय से वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे कर्मचारियों को अब निराशा का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में यह स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन नहीं किया जाएगा। इससे कर्मचारियों में एक नई चिंता का माहौल बन गया है।
8वें वेतन आयोग के गठन पर केंद्र सरकार का जवाब
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। इस बारे में राज्यसभा सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या 2025-26 के बजट में नए वेतन आयोग का गठन किया जाएगा। इस सवाल का उत्तर देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ तौर पर कहा “वर्तमान में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”
यह जवाब कर्मचारियों के लिए बहुत ही निराशाजनक साबित हुआ है। पिछले कुछ सालों से वेतन आयोग की चर्चा तेज़ थी और कर्मचारियों में यह उम्मीद थी कि 2025-26 के बजट में सरकार इस पर विचार कर सकती है। लेकिन अब सरकार के इस जवाब ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है।
7वां वेतन आयोग और उसके बाद की स्थिति
केंद्र सरकार ने आखिरी बार 7वां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 में गठित किया था। यह आयोग यूपीए सरकार के तहत गठित हुआ था और इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर थे। 7वें वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा करना था। इस आयोग की सिफारिशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और यह 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ। इसके साथ ही कर्मचारियों को 1 जुलाई 2016 से संशोधित वेतन मिलना शुरू हुआ।
इस वेतन आयोग ने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के अलावा महंगाई भत्ते और अन्य सुविधाओं में भी बदलाव किया था। कर्मचारियों को इस आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन में अच्छे खासे लाभ मिले थे। हालांकि अब तक 7वें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 8वां वेतन आयोग जल्द ही गठित होगा लेकिन सरकार के ताजा रुख से यह उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।
वेतन आयोग की आवश्यकता क्यों है?
वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होती है। यह सरकार द्वारा गठित एक आयोग होता है जो कर्मचारियों के वेतन भत्तों और पेंशन संबंधी मुद्दों की समीक्षा करता है और उनकी स्थिति में सुधार के लिए सिफारिशें करता है। आमतौर पर वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में एक बार किया जाता है और इससे कर्मचारियों को बेहतर वेतन संरचना मिलती है।
वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। उनके वेतन में वृद्धि होती है साथ ही महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) जैसे भत्तों में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा कर्मचारी अपने एरियर्स (पिछले वेतन में अंतर) का भुगतान भी प्राप्त करते हैं जो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है। इसलिए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग का गठन बेहद महत्वपूर्ण होता है और वे इसके लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं।
वेतन आयोग का गठन और उसकी प्रक्रिया
हर 10 साल में सरकार वेतन आयोग का गठन करती है और इस प्रक्रिया में सरकार कर्मचारियों के वेतन ढांचे का पुनर्मूल्यांकन करती है। इसके बाद कर्मचारी अपनी मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए नई सिफारिशों का इंतजार करते हैं। यदि सरकार समय पर वेतन आयोग का गठन करती है तो कर्मचारियों को अच्छा वेतन मिल सकता है जिससे उनका जीवनस्तर भी बेहतर होता है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन होना उनके लिए एक बड़ी उम्मीद होती है। जब वेतन आयोग का गठन होता है तो यह कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में एक बड़ा सुधार लाता है। इस बार 8वें वेतन आयोग के गठन में देरी से कर्मचारियों में नाराजगी है क्योंकि वे अब अपने वेतन में वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठे थे।
8वें वेतन आयोग की देरी से कर्मचारियों में निराशा
कर्मचारियों के लिए यह खबर निराशाजनक है कि सरकार ने फिलहाल 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। इससे कर्मचारियों में एक प्रकार की चिंता का माहौल है। वेतन आयोग के गठन में देरी होने से कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इसके अलावा महंगाई के कारण उनका खर्च बढ़ रहा है और ऐसे में वेतन आयोग की सिफारिशों का इंतजार करना उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
आर्थिक दृष्टि से देखें तो वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए एक राहत का कारण बनता है। जब वेतन में वृद्धि होती है तो कर्मचारियों का जीवनस्तर बेहतर होता है और वे अपनी आवश्यकताओं को अच्छे से पूरा कर सकते हैं। लेकिन वर्तमान में 8वें वेतन आयोग के गठन की संभावना नज़र नहीं आ रही है जिससे कर्मचारियों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार सरकार कब इस मुद्दे पर विचार करेगी।