ईपीएफओ और ईएसआईसी के सदस्यों को मिलेगा ई-वॉलेट और एटीएम से सीधे निकासी का विकल्प, डिजिटल लेनदेन को मिलेगा बढ़ावा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees State Insurance Corporation) के सदस्यों के लिए एक नई डिजिटल सुविधा की शुरुआत की जा रही है। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बताया कि जल्द ही ईपीएफओ सदस्य (EPFO members) अपनी क्लेम राशि का उपयोग ई-वॉलेट्स के माध्यम से कर सकेंगे। इसके साथ ही एटीएम से सीधे निकासी की सुविधा पर भी विचार किया जा रहा है।
EPFO और ESIC में डिजिटल सुविधा का विस्तार
ईपीएफओ ने घोषणा की है कि मार्च 2025 तक एटीएम और ई-वॉलेट की सुविधा को लागू किया जा सकता है। यह कदम डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और निकासी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उठाया गया है। सचिव ने कहा कि मौजूदा प्रक्रिया में पीएफ राशि सीधे बैंक खाते में जाती है। अब इस राशि को सीधे ई-वॉलेट्स में भेजने की तैयारी की जा रही है।
बैंकों और आरबीआई से संपर्क
नई सुविधा को लागू करने के लिए ईपीएफओ बैंकों और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसके लिए एक व्यावहारिक योजना तैयार की जा रही है। सचिव ने बताया कि इस पहल से सदस्यों को अधिक लचीलापन मिलेगा और वे अपने फंड का उपयोग डिजिटल माध्यमों से आसानी से कर सकेंगे।
निकासी के नियम रहेंगे अपरिवर्तित
ईपीएफओ अधिकारियों के अनुसार नई व्यवस्था में निकासी के मौजूदा नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा। सदस्य उतनी ही धनराशि निकाल सकेंगे जितनी वर्तमान में नियमों के तहत अनुमति है। यह सुविधा केवल निकासी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए लाई जा रही है।
पेंशन सत्यापन की तिथि 31 जनवरी 2025 तक बढ़ी
उच्च पेंशन विकल्पों के लिए वेतन विवरण अपलोड करने की अंतिम तारीख को 31 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया है। ईपीएफओ के अनुसार 11 जुलाई 2023 तक उच्च पेंशन के लिए 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 3.1 लाख से अधिक आवेदन अभी भी नियोक्ताओं के पास लंबित हैं।
ईपीएफओ ने नियोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वे 15 जनवरी 2025 तक इन आवेदनों का सत्यापन और जानकारी उपलब्ध कराएं। संगठन ने यह स्पष्ट किया है कि यह अंतिम अवसर है और इसके बाद कोई तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी।
ईपीएफओ का उद्देश्य क्लेम राशि को ई-वॉलेट्स में भेजकर सदस्यों को उनकी राशि का त्वरित उपयोग प्रदान करना है। यह पहल डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।