स्मॉल सेविंग्स स्कीम में निवेश करने वालों के लिए जरूरी खबर, ब्याज दरों को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने सूचित किया है कि जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के लिए इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ है कि चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में भी वही ब्याज दरें लागू रहेंगी जो वर्तमान में प्रचलित हैं।
नए साल की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स (Small Savings Schemes) में निवेश करने वालों के लिए एक घोषणा की है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने सूचित किया है कि जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के लिए इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ है कि चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में भी वही ब्याज दरें लागू रहेंगी जो वर्तमान में प्रचलित हैं।
प्रमुख योजनाओं की ब्याज दरें:
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana): 8.2%
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): 7.1%
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC): 7.7%
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS): 8.2%
मंथली इनकम स्कीम (MIS): 7.4%
किसान विकास पत्र (KVP): 7.5% (115 महीनों में परिपक्वता)
पोस्ट ऑफिस सेविंग्स डिपॉजिट स्कीम: 4%
टर्म डिपॉजिट (1 वर्ष): 6.9%
टर्म डिपॉजिट (2 वर्ष): 7.0%
टर्म डिपॉजिट (3 वर्ष): 7.1%
टर्म डिपॉजिट (5 वर्ष): 7.5%
रिकरिंग डिपॉजिट (5 वर्ष): 6.7%
ब्याज दरें कैसे निर्धारित होती हैं?
स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज दरें श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के आधार पर तय की जाती हैं। समिति के अनुसार इन योजनाओं की ब्याज दरें समान अवधि वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 0.25% से 1% अधिक होनी चाहिए ताकि ये निवेशकों के लिए आकर्षक बनी रहें।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
ब्याज दरों में स्थिरता का मतलब है कि निवेशकों को अपनी मौजूदा योजनाओं में वही रिटर्न मिलता रहेगा। हालांकि मुद्रास्फीति (inflation) और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके निवेश उनके वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप हैं।