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Stock Market Crash: शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की वजह से निवेशकों में घबराहट, सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट

आज के कारोबार में सेंसेक्स में 763 अंकों की गिरावट आई जो 80984 के स्तर तक पहुंच गया। निफ्टी भी 227 अंकों की गिरावट के साथ 24440 के स्तर पर आ गया। इस समय कई प्रमुख कंपनियों के स्टॉक्स में भारी गिरावट देखने को मिल रही थी।

17 दिसंबर 2024 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 947 अंक नीचे गिरकर 80800 पर आ गया जबकि निफ्टी भी 277 अंकों की गिरावट के साथ 24390 पर ट्रेड कर रहा था। इस गिरावट के कारण निवेशकों में घबराहट का माहौल था और बाजार में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। एनएसई पर 2665 स्टॉक्स ट्रेड कर रहे थे जिनमें से 1618 में गिरावट थी और केवल 982 स्टॉक्स हरे निशान पर थे।

शेयर बाजार की गिरावट
आज के कारोबार में सेंसेक्स में 763 अंकों की गिरावट आई जो 80984 के स्तर तक पहुंच गया। निफ्टी भी 227 अंकों की गिरावट के साथ 24440 के स्तर पर आ गया। इस समय कई प्रमुख कंपनियों के स्टॉक्स में भारी गिरावट देखने को मिल रही थी। निफ्टी के टॉप लूजर्स में श्रीराम फाइनेंस बजाज फिनसर्व ग्रासिम भारती एयरटेल और रिलायंस शामिल थे। इन कंपनियों के स्टॉक्स में दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।

रुपया भी दबाव में था। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 84.92 प्रति डॉलर के नए निचले स्तर पर पहुंच गया। विदेशी पूंजी की निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नरमी के कारण रुपये पर दबाव बढ़ा। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया सोमवार को 11 पैसे की गिरावट के साथ 84.91 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था और अब यह 84.92 प्रति डॉलर तक गिर चुका था।

शेयर बाजार और अंतरराष्ट्रीय संकेत
भारतीय शेयर बाजारों में लगातार गिरावट के कारण निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ है। एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 और टॉपिक्स इंडेक्स में मामूली बढ़त रही जबकि दक्षिण कोरिया के कोस्पी और कोस्डैक इंडेक्स में गिरावट आई। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण ग्लोबल संकेतों के साथ-साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का होने की संभावना है जिसके चलते भारतीय निवेशक सतर्क हैं।

वॉल स्ट्रीट पर भी अमेरिकी शेयर बाजारों में मिश्रित रुख था। डॉऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में गिरावट आई जबकि S&P 500 और नैस्डैक कंपोजिट में बढ़त रही। विशेषकर गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट और टेस्ला के शेयरों में 3.6 प्रतिशत और 6.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि एनवीडिया के शेयरों में गिरावट आई।

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के कारण
भारत के शेयर बाजार में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक के चलते वैश्विक बाजार में अनिश्चितता का माहौल था। इसके अलावा विदेशी पूंजी की निकासी और रुपया के गिरते स्तर ने भी भारतीय शेयर बाजार पर दबाव डाला। इसके साथ ही प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट ने भी निवेशकों को चिंतित किया। श्रीराम फाइनेंस बजाज फिनसर्व जैसे बड़े शेयरों में गिरावट ने बाजार को नीचे खींच लिया।

आर्थिक रूप से भारत की मुद्रा रुपया भी दबाव में थी। आयातकों और विदेशी बैंकों की ओर से डॉलर की मांग के कारण रुपया कमजोर हुआ है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय बाजार में भी बिकवाली का दबाव बढ़ा।

वर्तमान में क्या करें निवेशक?
अगर आप एक निवेशक हैं तो इस समय शेयर बाजार में निवेश करने से पहले सतर्क रहना जरूरी है। बाजार में गिरावट के बावजूद कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक अच्छा अवसर हो सकता है लंबी अवधि के निवेश के लिए। हालांकि यदि आप जोखिम से बचना चाहते हैं तो इस समय रिटायरमेंट फंड्स या सुरक्षित निवेश विकल्पों में धन लगाने पर विचार कर सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय संकेतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है। ऐसे में निवेशकों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। क्या यह गिरावट एक मामूली सुधार है या फिर लंबी अवधि तक बाजार में दबाव बना रहेगा इसका अनुमान लगाना अभी कठिन है।

एशियाई बाजारों का मिलाजुला रुख
एशियाई बाजारों में एक मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान के निक्केई 225 इंडेक्स में 0.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि दक्षिण कोरिया के कोस्पी और कोस्डैक इंडेक्स में गिरावट आई। ये संकेत बताते हैं कि वैश्विक स्तर पर निवेशक सतर्क हैं और बाजार में कोई बड़ा बदलाव आने से पहले वे जोखिम कम करना चाहते हैं।

इसी तरह भारतीय बाजार भी इस मिलाजुला रुख से प्रभावित हैं। जब एशियाई बाजारों में हलचल होती है तो भारतीय बाजारों में भी इसी तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।

निवेशकों के लिए क्या सलाह
इस समय निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो की सही तरीके से समीक्षा करें और जोखिम कम करने के उपायों पर ध्यान दें। यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो बाजार की स्थिति को समझकर निवेश करना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी अवधि के निवेश के लिए यह समय अच्छा हो सकता है लेकिन एक साथ ज्यादा निवेश करने से बचना चाहिए।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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