अब जमीन बेचने और खरीदने पर बढ़ेगा टैक्स का झोल, जानिए सरकार ने क्यों लिया ऐसा फ़ैसला
नई दिल्ली: जमीन, प्रॉपर्टी और सोने जैसी संपत्तियों पर टैक्स (Tax) से जुड़े बड़े बदलाव किए गए हैं। सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स में इंडेक्सेशन (Indexation) का लाभ खत्म कर दिया है। साथ ही टैक्स की दर को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-2025 का बजट पेश करने के बाद से इन बदलावों का असर निवेशकों और प्रॉपर्टी डीलर्स पर साफ नजर आ रहा है।8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए Good News, सैलरी में होगी जबरदस्त बढ़ोतरी
इसके अलावा अब प्रॉपर्टी की बिक्री पर एलटीसीजी टैक्स की गणना के लिए 1 अप्रैल 2001 से पहले की संपत्तियों की वास्तविक खरीद लागत (Actual Cost) का उपयोग किया जाएगा। यह नियम महंगाई (Inflation) के प्रभाव को हटाने के लिए लागू किया गया है। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नया उदाहरण भी जारी किया है।
प्रॉपर्टी और सोने पर इंडेक्सेशन का लाभ खत्म
सरकार ने इंडेक्सेशन का लाभ खत्म करके टैक्स प्रक्रिया को सीधा कर दिया है। पहले महंगाई के प्रभाव को हटाकर टैक्स की गणना की जाती थी।
उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति ने 2001 से पहले एक प्रॉपर्टी खरीदी थी तो उसकी स्टैंड ड्यूटी वैल्यू (Stamp Duty Value) को 2001 के उचित बाजार मूल्य (Fair Market Value) के आधार पर समायोजित किया जाता था।
लेकिन अब इस प्रक्रिया को सरल करते हुए इंडेक्सेशन हटा दिया गया है। एलटीसीजी टैक्स की नई दर को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है, जिससे निवेशकों को महंगाई के बावजूद ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा।
आयकर विभाग के निर्देश
आयकर विभाग ने बताया कि 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए उचित बाजार मूल्य को खरीद लागत के रूप में मान्य किया जाएगा।
लेकिन 2001 के बाद की संपत्तियों पर इंडेक्सेशन का कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसका मतलब है कि अब निवेशकों को अपनी संपत्ति बेचते समय ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।
सरल गणना के लिए नया उदाहरण जारी
आयकर विभाग ने नए नियमों को स्पष्ट करने के लिए एक उदाहरण दिया है। मान लीजिए, किसी व्यक्ति ने 1990 में 5 लाख रुपये में एक प्रॉपर्टी खरीदी। 2001 में इसका उचित बाजार मूल्य 12 लाख रुपये था।
यदि 2024 में इसे 1 करोड़ रुपये में बेचा जाता है तो पहले के नियमों के अनुसार महंगाई के प्रभाव को हटाकर टैक्स की गणना की जाती थी। लेकिन अब नई प्रणाली के तहत यह लाभ नहीं मिलेगा।
नए नियमों के तहत टैक्स की गणना फ्लैट 12.5% की दर से की जाएगी। ऐसे में निवेशकों को महंगाई का कोई फायदा नहीं होगा जिससे उनका टैक्स भुगतान बढ़ जाएगा।
बदलावों से निवेशकों को हो रही परेशानी
इन बदलावों का सबसे बड़ा असर उन निवेशकों पर पड़ा है, जो लॉन्ग टर्म के लिए प्रॉपर्टी और सोने में निवेश करते हैं। पहले वे इंडेक्सेशन का लाभ उठाकर टैक्स में बचत कर सकते थे, लेकिन अब उन्हें सीधे अधिक टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।Haryana News : हरियाणा में अब बिजली बिल की टेंशन खत्म, सैनी सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान
सरकार का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य टैक्स प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है। हालांकि निवेशकों का मानना है कि इससे उनकी लागत बढ़ेगी और प्रॉपर्टी मार्केट (Property Market) में मंदी आ सकती है।