केंद्रीय कर्मचारियों की लगी लॉटरी, बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर होगी 26000 रुपये
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए आगामी 2024 का बजट (Upcoming 2024 Budget) बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं। सरकारी कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं और इस बार बजट में इसके बढ़ने की संभावना सबसे ज्यादा जताई जा रही है। यदि ऐसा हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों को एक बड़ी सैलरी बढ़ोतरी का तोहफा मिल सकता है जो उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा।
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को निर्धारित करने का एक अहम तरीका है। यह कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम भूमिका निभाता है जो आगे जाकर भत्तों जैसे महंगाई भत्ता, हाउस रेंट अलॉवेंस और अन्य सुविधाओं के निर्धारण का आधार बनता है। सरल शब्दों में फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके आधार पर कर्मचारियों की सैलरी में बदलाव होता है। इसे बढ़ाने से कर्मचारियों की सैलरी में भी बड़ा इजाफा हो सकता है।
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फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से कितना बढ़ेगा वेतन?
केंद्र सरकार ने फिटमेंट फैक्टर में आखिरी बार 2016 में बढ़ोतरी की थी। तब कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 6,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दी गई थी। अब फिटमेंट फैक्टर में संभावित बढ़ोतरी से न्यूनतम बेसिक वेतन 26,000 रुपये तक पहुंच सकता है। इसका मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में 8,000 रुपये की वृद्धि हो सकती है जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।
आधिकारिक तौर पर फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना किया जा सकता है जिससे कर्मचारियों की सैलरी में सीधा इजाफा होगा। इस वृद्धि से केवल बेसिक सैलरी ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े भत्ते भी बढ़ जाएंगे जैसे महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्योंकि ये सभी भत्ते बेसिक सैलरी के आधार पर तय होते हैं।
कर्मचारियों के भत्तों में वृद्धि का प्रभाव
फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से न केवल कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ेगी बल्कि इससे जुड़े भत्तों में भी इजाफा होगा। जैसे महंगाई भत्ता (DA) कर्मचारियों की सैलरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो कि उनके बेसिक वेतन का एक निश्चित प्रतिशत होता है। वर्तमान में महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी के 46 फीसदी के बराबर होता है। यदि बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो जाती है तो महंगाई भत्ते में भी वृद्धि होगी। यह कर्मचारियों के कुल वेतन में सीधे तौर पर इजाफा करेगा।
केंद्र सरकार की नीतियों का असर
इस समय केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सरकार पर दबाव है। कर्मचारी संघों का मानना है कि इस वृद्धि से उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा जिससे उनकी जीवन-यापन की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। साथ ही यह कदम कर्मचारियों के बीच सरकार के प्रति विश्वास को भी मजबूत कर सकता है खासकर ऐसे समय में जब महंगाई के कारण आम आदमी की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
केंद्र सरकार के लिए यह एक अहम निर्णय हो सकता है क्योंकि इससे कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस वृद्धि से कर्मचारियों को अपने जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद होगी साथ ही यह देश की अर्थव्यवस्था को भी एक तरह से गति दे सकता है क्योंकि जब कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी तो उनके उपभोक्तावाद में भी इजाफा होगा जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।