आठवें वेतन आयोग से महंगाई भत्ते पर क्या होगा असर?
खबरों के अनुसार जनवरी 2025 में डीए में संशोधन हो सकता है और यह होली (Holi) के आसपास मार्च 2025 में लागू किया जा सकता है। हालांकि अगर इसमें देरी होती है तो कर्मचारियों को इसका एरियर (arrears) भी मिलेगा।
8th Pay Commission News : केंद्र सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में साल में दो बार जनवरी और जुलाई में संशोधन करती है। और अब जबकि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की मंजूरी मिल चुकी है तो सवाल उठता है कि इस बार डीए (DA Hike) में होने वाली बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए कितनी फायदेमंद होगी। क्या बढ़ती महंगाई का असर उनके वेतन पर पड़ेगा या यह महज एक अफवाह निकलेगी? जानिए इस खबर में।
डीए और डीआर के बढ़ने का तरीका समझें
अब आप सोच रहे होंगे कि डीए (Dearness Allowance) और डीआर (Dearness Relief) कैसे तय होते हैं? तो जनाब फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के आधार पर ही कर्मचारियों का वेतन और पेंशन तय किया जाता है। हर बार नया वेतन आयोग (Pay Commission) लागू होने पर फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही सैलरी और पेंशन को संशोधित किया जाता है। लेकिन उस समय डीए और डीआर इन संशोधनों में नहीं जोड़े जाते। इसे सरकार बढ़ती महंगाई को देखते हुए साल में दो बार जनवरी और जुलाई में संशोधित करती है।
क्या कहते हैं डीए और डीआर के प्रावधान?
भारत में सबसे पहला वेतन आयोग 1946 में स्थापित हुआ था, और उसके बाद से वेतन आयोगों में कई बदलाव हुए। जब पांचवे वेतन आयोग (5th Pay Commission) का गठन हुआ था तब डीए और डीआर से संबंधित एक खास प्रावधान जोड़ा गया था। इसके अनुसार अगर डीए 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाता है तो उसे बेसिक सैलरी में मर्ज (merge) कर दिया जाता है।
हालांकि छठे और सातवें वेतन आयोग (6th and 7th Pay Commission) में ऐसा कोई प्रावधान लागू नहीं किया गया। डीए 50 प्रतिशत होने के बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में इसे मर्ज नहीं किया गया। सरकार का कहना था कि डीए और डीआर को सैलरी से अलग ही रखा जाएगा।
लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि आठवें वेतन आयोग में डीए को 50 प्रतिशत से ऊपर जाने पर इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करने का प्रावधान लागू किया जा सकता है। बस, अब यही चर्चाएं गर्म हैं कि डीए मर्ज होगा या नहीं।
कितना बढ़ेगा डीए?
अब बात करते हैं कि डीए (Dearness Allowance) में कितना इजाफा हो सकता है। केंद्र सरकार ने हाल ही में 2024 की होली में महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी थी, जिससे डीए 50 प्रतिशत हो गया था। फिर अक्टूबर में एक और बढ़ोतरी हुई और इसे 3 प्रतिशत और बढ़ा दिया गया। अब वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 53 प्रतिशत की दर से डीए मिल रहा है।
अगर आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.86 के हिसाब से लागू होता है तो कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसका असर डीए और डीआर पर भी पड़ेगा। ये बढ़ोतरी इतनी जबरदस्त हो सकती है कि कर्मचारियों का खुश होना तो तय है।
अब डीए और डीआर पर क्या होगा असर?
जब आठवां वेतन आयोग लागू होगा, तो डीए और डीआर (DA-DR Hike) पर असर पड़ सकता है। हालांकि, कुछ कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं और मानते हैं कि नए वेतन आयोग के लागू होने से डीए और डीआर में कोई खास असर नहीं पड़ेगा। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डीए और डीआर में कटौती भी हो सकती है।
गौरतलब है कि इस बारे में अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है। न ही किसी बयान से इसकी पुष्टि हुई है। अब सबकी निगाहें 2026 तक आने वाली रिपोर्ट पर हैं जिसमें इस बारे में साफ जानकारी मिलेगी।
दिखेगा नया फिटमेंट फैक्टर का असर
अब बात करें फिटमेंट फैक्टर की तो यह निर्धारित करेगा कि कर्मचारी की सैलरी में कितना इजाफा होगा। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 के हिसाब से लागू होता है तो कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा हो सकता है। इस बदलाव के बाद पेंशनधारकों की पेंशन में भी वृद्धि हो सकती है।
क्या है डीए और डीआर के बीच फर्क?
अब हम बात करते हैं डीए और डीआर के फर्क की। डीए का मतलब है महंगाई भत्ता जबकि डीआर का मतलब है महंगाई राहत। डीए का उद्देश्य कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से राहत देना है जबकि डीआर का उद्देश्य पेंशनधारकों को राहत देना है।
सरकार हर साल डीए और डीआर में बदलाव करती है और यह बदलाव महंगाई के हिसाब से ही निर्धारित होता है। हालांकि सरकार का मानना है कि डीए और डीआर को सैलरी से अलग रखना ही बेहतर होगा।