महीनों की चुप्पी के बाद मोदी सरकार ने दिया कर्मचारियों को तौहफ़ा, आज हो सकता है 18 महीने DA का एलान
केंद्र सरकार ने हाल ही में नई पेंशन योजना (NPS) को पुरानी पेंशन योजना (OPS) से बदलने की मांग को लेकर उठी बहस का उत्तर दिया है। वर्तमान में एनपीएस में सशस्त्र बल शामिल नहीं हैं और यह योजना 2004 में केंद्र द्वारा बनाई गई थी। केंद्र सरकार के कर्मचारी “वेतन असमानता” का हवाला देते हुए ओपीएस की वापसी की मांग कर रहे हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट किया कि ओपीएस को बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को अपने बजट भाषण में बताया कि एनपीएस समीक्षा समिति ने अपने काम में काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा "केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संयुक्त परामर्श तंत्र की राष्ट्रीय परिषद ने रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। एक समाधान निकाला जाएगा जो आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए वित्तीय विवेक बनाए रखते हुए शामिल मुद्दों का समाधान करेगा।"
7th Pay Commission: आज हो सकता है एलान
पीटीआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि कर्नाटक मंत्रिमंडल की बैठक ने सोमवार को सातवें वेतन आयोग लागू करने का फैसला लिया है। 1 अगस्त 2024 से कर्नाटक में सातवें वेतन आयोग लागू हो जाएगा। इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में शानदार इजाफा हो जाएगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया आज वेतन वृद्धि का एलान कर सकते हैं जिससे राज्य के 7 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा।
7th Pay Commission: OPS और NPS में क्या अंतर है?
केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने तर्क दिया है कि एनपीएस के विपरीत, ओपीएस में एक गारंटीकृत पेंशन थी। यह योजना कर्मचारियों के मूल वेतन से एक निश्चित हिस्सा काटती थी और सेवानिवृत्ति के समय नियोक्ता के योगदान से इसका भुगतान करती थी। एनपीएस के तहत कर्मचारियों को अपने वेतन का एक हिस्सा खुद ही योगदान करना पड़ता है जिससे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन नहीं मिलती।
ओपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अपने कामकाजी वर्षों के दौरान अपने वेतन का योगदान नहीं करना पड़ता था। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें अपने अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था। एनपीएस में ऐसा कोई गारंटीशुदा प्रावधान नहीं है जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ा है।
लंबे समय से हो रही है 7वां वेतन आयोग की डिमांड
कर्नाटक के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से 7वां वेतन आयोग लागू करने की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे को लेकर कर्नाटक राज्य सरकार कर्मचारी संघ ने अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की योजना भी बनाई थी। हड़ताल पर जाने की खबर के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद एनपीएस और ओपीएस को लेकर बहस और तेज हो गई है। कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना अधिक सुरक्षित और लाभकारी थी जबकि नई पेंशन योजना में उनके भविष्य की सुरक्षा पर सवाल उठता है।
एनपीएस की समीक्षा समिति ने अपने कार्य में काफी प्रगति की है और वित्तीय विवेक को ध्यान में रखते हुए एक समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। हालांकि कर्मचारियों का असंतोष और मांगें अब भी बनी हुई हैं।