Haryana News: नायब सैनी सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को दिया एक और बड़ा तोहफा, इन कर्मचारियों की हो गई बल्ले-बल्ले
हरियाणा प्रदेश की नायब सैनी सरकार ने कच्चे कर्मचारियों (Haryana Raw Employees) के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है जिससे राज्य के लगभग 1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। यह कदम हरियाणा कौशल रोजगार निगम (Haryana Skill Employment Corporation) और आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत काम कर रहे कर्मचारियों के लिए लिया गया है। सरकार ने इन कर्मचारियों की नौकरी को 58 वर्ष तक सुनिश्चित करने की घोषणा की है जिससे अब ये कर्मचारी भविष्य की अनिश्चितता से मुक्त हो सकेंगे।
50 हजार से अधिक मानदेय वाले कर्मचारियों के लिए नई नीति
कच्चे कर्मचारियों की नौकरी को सुरक्षित करने के बाद नायब सैनी सरकार अब 50 हजार रुपये से अधिक मानदेय वाले कर्मचारियों के लिए भी नई नीति बनाने पर विचार कर रही है। इस नई नीति के तहत सरकार बड़ी संख्या में कर्मचारियों की सेवाओं को सुरक्षित करेगी जिनमें विश्वविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसर पॉलीटेक्निक कॉलेज के शिक्षक पशु चिकित्सक जेई एसडीओ और अन्य तकनीकी विभागों में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। इस कदम से लगभग 5 हजार कर्मचारियों को फायदा होगा जो इन उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
बड़े पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
नायब सैनी सरकार के इस कदम का सीधा लाभ हरियाणा के विश्वविद्यालयों में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर एक्सटेंशन लेक्चरर पॉलीटेक्निक कॉलेज के अध्यापक पशु चिकित्सक जूनियर इंजीनियर (जेई) सब-डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ) और विभिन्न तकनीकी विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों को मिलेगा। सरकार के इस फैसले के बाद इन उच्च पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
असिस्टेंट प्रोफेसरों की मांग और सरकार का रुख
हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आवास के सामने प्रदर्शन कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों ने अपनी मांगों को जोर-शोर से उठाया। ये प्रोफेसर विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए थे जिनमें भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय संस्कृत कैथल विश्वविद्यालय और चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के प्रोफेसर शामिल थे।
इन कर्मचारियों ने मांग की कि असिस्टेंट प्रोफेसरों को उनकी योग्यता वेतनमान और सेवाकाल के रिकॉर्ड के आधार पर अलग से नीति बनाकर नियमित किया जाए। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि उनकी नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक मानदेय वाले कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार अलग से नीति बना रही है। इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी कच्चे कर्मचारी का रोजगार नई भर्ती के कारण नहीं छीना जाएगा। सरकार की यह घोषणा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी क्योंकि इससे उनकी नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
नायब सैनी सरकार का अहम फैसला
हरियाणा सरकार का यह कदम राज्य में काम कर रहे हजारों कच्चे कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा गारंटी और नई नीति के निर्माण से कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी जिससे वे भविष्य की अनिश्चितताओं से मुक्त होकर अपने कार्य में और अधिक समर्पित हो सकेंगे।