दूल्हा दुल्हन मंडप में फेरे लेने के लिए थे तैयार, अचानक हुआ ऐसा की बारात को बना लिया बंदक, जानें पूरा मामला
चंडीगढ़: हरियाणा के पलवल जिले के हाथिन इलाके के एक गांव में रविवार को तनाव व्याप्त हो गया। एक बारात को करीब सात घंटे तक बंधक बना लिया गया। घटना का कारण दूल्हे के पक्ष द्वारा दुल्हन के लिए नकली गहने देना था जिससे दुल्हन पक्ष के लोग गुस्से में आ गए। बाद में पंचायत ने इस मुद्दे को सुलझा लिया लेकिन बारात को दुल्हन के बिना ही लौटना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक बारात नूंह जिले के एक गांव से हाथिन इलाके के गांव में आई थी। गांववालों ने बारात का स्वागत किया, लेकिन अचानक दूल्हे के पक्ष ने कुछ मांगें रख दीं। दुल्हन के पक्ष ने सभी मांगों को पूरा किया। निकाह से पहले दूल्हे की ओर से दुल्हन को मेहर के रूप में दिए गए गहनों की प्रामाणिकता पर शक हुआ। दुल्हन पक्ष की लड़कियां गहनों की जांच कराने के लिए हाथिन के एक सुनार के पास गईं। सुनार ने गहनों को नकली बताया जिससे विवाद खड़ा हो गया।
शादी में खर्च हुए रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए
विवाद बढ़ने पर दूल्हे पक्ष के गांव के पंचों को बुलाया गया। नूंह जिले के भी कई प्रभावशाली लोग वहां आ गए। दूल्हे पक्ष ने अपनी गलती मानी और निकाह कराने की मांग की लेकिन दुल्हन पक्ष ने निकाह से इनकार कर दिया। दुल्हन के परिवार ने शादी और दहेज में खर्च हुए रुपये की मांग की।
दूल्हे पक्ष ने छह लाख रुपये देने की बात मानी जिसमें से साढ़े तीन लाख रुपये तुरंत ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए गए। बाकी रकम 17 जुलाई को देने का वादा किया गया। दुल्हन पक्ष ने बारातियों को भोजन करवाया, लेकिन बाकी रस्में नहीं की गईं।
पुलिस को नहीं दी गई शिकायत
पंचायती फैसले के बाद किसी भी पक्ष ने हथिन थाने में कोई शिकायत नहीं दी। दोनों पक्षों से पूछताछ की गई लेकिन कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हुआ। दोनों पक्षों ने बारातियों को बंधक बनाने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि गतिरोध हुआ था जो पंचायत द्वारा निपटाया गया।
नकली गहनों का मामला
इस घटना ने समाज में नकली गहनों और दहेज के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर कर दिया है। शादी में गहनों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है ताकि इस तरह के विवाद न हों। इस घटना में नकली गहनों के कारण दोनों परिवारों को शर्मिंदगी और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा। दुल्हन के परिवार ने सही समय पर कार्रवाई करके अपनी बेटी के सम्मान की रक्षा की। वहीं दूल्हे के परिवार को अपनी गलती माननी पड़ी और नुकसान की भरपाई करनी पड़ी।
पंचायत ने विवाद को सुलझाने में खास भूमिका निभाई। उन्होंने दोनों पक्षों को सुना और न्यायपूर्ण निर्णय लिया। पंचायत का यह कदम समाज में न्याय की भावना को बनाए रखने में सहायक रहा। हालांकि पुलिस में शिकायत न करना और कानून का सहारा न लेना एक चिंताजनक पहलू है जो समाज में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है।