Haryana News: हरियाणा में मनरेगा घोटाले में धांसू कार्रवाई, 2 मेट के खिलाफ दर्ज हुई FIR
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हरियाणा में मनरेगा घोटाले में दो मेट की पोल खुल गई है और अब इनके खिलाफ FIR भी दर्ज हो चुकी है। जी हां सरकार ने अब उन पर एक्शन लिया है जिन्होंने सरकार को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
मनरेगा घोटाले में फर्जीवाड़ा (Fraud) का खुलासा
जानकारी के अनुसार, गांव के मेट बलवंत सिंह ने अपनी ही बेटी लवजीत कौर और बेटे सन्नी को मनरेगा मजदूर दिखाकर 35,058 रुपए का पेमेंट (payment) ले लिया। मजे की बात यह है कि लवजीत अभी पढ़ाई कर रही है और सन्नी विदेश में मौज कर रहा है। यानी दोनों की हाजिरी मनरेगा में ऐसे लगाई गई, जैसे ये रोज खेतों में फावड़ा चला रहे हों!
अब बात करें महिला मेट संतोष देवी की तो उन्होंने भी यही खेल खेला। उन्होंने विदेश में रहने वाले जोगा सिंह और दो मिड डे मील वर्कर की फर्जी हाजिरी लगाकर 48,133 रुपए की दिहाड़ी उठा ली। इतना ही नहीं, ये पहले ही सरकारी स्कूल में काम कर रही थीं। यानि सरकारी तनख्वाह और ऊपर से फर्जीवाड़ा – मतलब डबल कमाई!
कैसे पकड़ी गई मेट की चोरी?
मनरेगा के ये चतुर खिलाड़ी (Smart Players) शायद ये सोच रहे थे कि उनका खेल हमेशा चलता रहेगा, लेकिन किस्मत धोखा दे गई। जब जांच हुई, तो सरकार को 83,191 रुपए की चपत लगाने का खेल सामने आ गया।
अब सवाल उठता है कि ये लोग इतने लंबे समय तक पकड़े क्यों नहीं गए? इसका जवाब है सिस्टम की ढील। जब किसी को चेक (check) करने वाला नहीं होता, तो ऐसे घोटालेबाज धड़ल्ले से लूट मचाते रहते हैं। लेकिन अब सरकार ने आंखें खोल ली हैं और मनरेगा घोटाले में एक के बाद एक कार्रवाई हो रही है।
अब तक कितनों पर गिर चुकी है गाज?
अब तक 9 कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें से सीवन की तत्कालीन एबीपीओ प्रियंका शर्मा और जेई शिव कुमार को नौकरी से बर्खास्त (Fired) कर दिया गया है। इनके अलावा तीन मनरेगा मेट भी सस्पेंड किए जा चुके हैं।
इतना ही नहीं, इरिगेशन डिपार्टमेंट के चार जेई को भी मुख्यालय भेज दिया गया है, और उनके खिलाफ विभागीय जांच (departmental inquiry) जारी है।
कैसे हुआ इतना बड़ा घोटाला?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये घोटाला हुआ कैसे?
फर्जी जॉब कार्ड (Fake Job Cards) – लोगों के नाम पर नकली कार्ड बनाकर पैसे निकाले गए।
हाजिरी का खेल (Attendance Scam) – विदेश में रह रहे लोगों और सरकारी कर्मचारियों के नाम पर हाजिरी लगा दी गई।
सरकारी सिस्टम की लापरवाही – समय पर सही जांच न होने के कारण यह घोटाला लंबे समय तक चलता रहा।
सरकार का अगला कदम क्या होगा?
अब जब मामले का खुलासा हो गया है, तो सरकार भी सख्त एक्शन (strict action) लेने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे (big revelations) हो सकते हैं और कुछ और नाम सामने आ सकते हैं।
हरियाणा प्रशासन ने साफ कर दिया है कि मनरेगा के पैसों का गबन (embezzlement) करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब देखना होगा कि अगला नंबर किसका होगा?