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Haryana News: हरियाणा में बनेगा नया फोर लेन हाईवे, 616 करोड़ की लागत इन जिलों के लोगों की बल्ले-बल्ले

हरियाणा सरकार ने एक धमाकेदार फैसले के तहत पलवल, नूंह और गुरुग्राम जिलों को जोड़ने वाली एक अहम सड़क को फोर लेन (Four Lane) बनाने की मंजूरी दे दी है। अब होडल से पटौदा तक वाया नूंह और पटौदी तक का सफर होगा और भी आसान और मजेदार। ये सड़क करीब 71 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर खर्च होंगे पूरे 616 करोड़ रुपये। अब इतना पैसा लग ही रहा है तो सड़क भी शानदार बनेगी है ना?

मीटिंग में हुई हरी झंडी

इस फैसले को हरी झंडी मिली हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई स्थायी वित्त समिति ‘सी’ की बैठक में। बैठक में पीडब्ल्यूडी (PWD) मंत्री रणबीर सिंह गंगवा भी अपनी मौजूदगी से चार चांद लगाने पहुंचे थे। दरअसल, यह सड़क परियोजना सीएम साहब की घोषणा का हिस्सा है, तो इसका पूरा होना तो बनता ही है!

अब सोचिए, जब ये सड़क फोर लेन में बदल जाएगी, तो क्या होगा? माल और यात्रियों (Passengers) दोनों की आवाजाही होगी सुपरफास्ट। होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा का सफर ऐसे लगेगा जैसे बाइक पर हवा से बातें कर रहे हों। सिर्फ इतना ही नहीं इस सड़क के बनने से चार प्रमुख नेशनल हाईवे (National Highways) से कनेक्टिविटी भी टॉप क्लास हो जाएगी:

दिल्ली-मथुरा-आगरा (NH-19)

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (NE-4)

गुरुग्राम-नूंह-राजस्थान (NH-248A)

दिल्ली-जयपुर (NH-48)

अब सफर में न होगा कोई झंझट

इस हाईवे से फायदा सिर्फ शहरों को नहीं बल्कि गांव-गांव तक पहुंचेगी तरक्की की रौशनी। बिलासपुर, पथरेरी, अडबर, बावला, भजलाका, बिवान, छारोड़ा, फतेहपुर, गोवारका, गुढ़ी, हुसैनपुर, जयसिंहपुर, झामुवास, कालिंजर, नूरपुर, पल्ला, रायपुरी, सतपुतियाका, सिलखो, सोंख, तेजपुर, उजिना, बहिन, भीमसिका, कोट, मलाई, नांगलजाट, सौंदहद, उत्तावर जैसे दर्जनों गांवों को मिलेगा जबरदस्त लाभ।

और शहरों की बात करें तो नूंह, होडल, तावड़ू और पलवल के लोगों के लिए तो यह सड़क किसी वरदान से कम नहीं होगी। अब नौकरी, पढ़ाई या व्यापार के लिए सफर करना होगा एकदम आसान और मजेदार।

टेंडर में भी होगा बदलाव

बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग (B&R) के अफसरों को कहा भाई अब काम में देरी नहीं चलेगी। टेंडर आवंटन प्रक्रिया (Tender Allocation Process) में बदलाव लाओ। उन्होंने सुझाव दिया कि ऑनलाइन बोली प्रक्रिया (Online Bidding Process) में सुधार किया जाए ताकि ठेकेदारों के कारण होने वाली देरी को खत्म किया जा सके।

अगर सबसे कम बोली लगाने वाला ठेकेदार (L-1) बीच में काम छोड़ता है तो सीधे-सीधे काम एल-2 को दे दिया जाएगा। मतलब काम रुकेगा नहीं, और सड़क बनेगी टाइम पर – बिल्कुल नो टेंशन, फुल एक्शन स्टाइल में।

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