नगर निगम टिकट बंटवारे पर हरियाणा में घमासान, कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय मंत्री की नाराज़गी से गरमाई राजनीति
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हरियाणा में नगर निगम (Municipal Corporation) के चुनावों को लेकर राजनीति का पारा सातवें आसमान पर है। टिकट (Ticket) बंटवारे को लेकर बैठकों में जबरदस्त खींचतान चल रही है। दिल्ली के हरियाणा भवन (Haryana Bhawan) में पिछले दो दिनों से बैठकों का सिलसिला जारी था। लेकिन यह बैठक किसी शांतिपूर्ण चर्चा का मंच नहीं बल्कि एक हाई-वोल्टेज (High Voltage) ड्रामा बन गई।
सोर्सेज (Sources) के मुताबिक, मीटिंग (Meeting) में नेताओं के बीच जमकर गरमा-गरमी हुई। फरीदाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी (BJP) सांसद और मोदी सरकार में मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर (Krishan Pal Gurjar) कई बार बैठक से उठकर बाहर चले गए। वहीं, गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) ने तो सीधे-सीधे मेयर पद के टिकटों पर अपनी दावेदारी ठोक दी।
उन्होंने बैठक में सबके सामने कहा, मानेसर नगर निगम (Manesar Municipal Corporation) और गुरुग्राम नगर निगम (Gurugram Municipal Corporation) दोनों की मेयर सीट मुझे चाहिए। मैं इस लोकसभा क्षेत्र का सांसद हूं और मेरी सिफारिश पर विधानसभा चुनावों में सभी उम्मीदवार जीतकर आए। ऐसे में टिकटों के वितरण का हक भी मेरा ही बनता है।
बस फिर क्या था! बैठक में मौजूद नेताओं ने एक-दूसरे को देखने लगे और माहौल और ज्यादा गरमाने लगा। एक कैबिनेट मंत्री जैसे ही बैठक में पहुंचे तो केंद्र के एक मंत्री उनसे खफा हो गए क्योंकि बैठक में सिर्फ चुनाव समिति (Election Committee) के सदस्य ही शामिल हो सकते थे।
राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा फैसला
दो दिनों से लगातार जारी इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने यह साफ कर दिया कि राव इंद्रजीत सिंह की मांग को भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व (BJP High Command) के सामने रखा जाएगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar), फरीदाबाद सांसद कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश बडौली (Om Prakash Barouli), गुरुग्राम जिला अध्यक्ष कमल यादव (Kamal Yadav), पटौदी के पूर्व विधायक सत्य प्रकाश जरावता (Satyaprakash Jarawata), पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा (Ramvilas Sharma), पूर्व मंत्री अरविंद शर्मा (Arvind Sharma) समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे।
बैठक में टिकटों को लेकर जमकर नोकझोंक
बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने अपने समर्थकों के लिए टिकटों की डिमांड (Demand) की, जिससे मामला और गर्मा गया। राव इंद्रजीत सिंह ने दो टूक कह दिया कि उनके समर्थकों को टिकट दिया जाए। वहीं, कुछ नाम ऐसे थे, जिन पर सहमति नहीं बन पाई।
फरीदाबाद (Faridabad) के लिए कुछ नाम सामने आए लेकिन कृष्ण पाल गुर्जर ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि अगर सांसद की बात नहीं मानी गई, तो वह किसी और उम्मीदवार की मदद नहीं करेंगे। ऐसे ही हालात गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में भी बने रहे।
इसी बीच, पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने भी राव इंद्रजीत सिंह का समर्थन कर दिया। उन्होंने कहा, राव ने जो कहा है, वही किया भी है। विधानसभा चुनावों में भी उनकी पसंद के नेता जीतकर आए थे, अब छोटे सरकार (नगर निगम) के चुनाव में भी उनकी सुनी जानी चाहिए।
हालांकि, पूर्व विधायक ने भी टिकट के लिए अपना समर्थन जताया। लेकिन मनोहर लाल खट्टर ने संकेत दिए कि मामला थोड़ा पेचीदा है। लेकिन यह भी सच है कि दक्षिणी हरियाणा (South Haryana) में राव इंद्रजीत का जो दबदबा है, वह किसी और नेता का नहीं है।
भाजपा हाईकमान कर रहा है विचार
सूत्रों की मानें तो भाजपा हाईकमान (BJP High Command) राव इंद्रजीत सिंह की मांग पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसका कारण साफ है – विधानसभा और लोकसभा चुनावों में राव के समर्थकों ने भाजपा को मजबूत किया था।
राव ने जो वादे राष्ट्रीय नेतृत्व से किए थे, वे पूरे हुए हैं। अब वही कार्यकर्ता मानेसर और गुरुग्राम नगर निगम (Manesar & Gurugram Municipal Corporation) के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि बीजेपी हाईकमान राव इंद्रजीत की मांग को कितना तवज्जो देता है। क्योंकि नामांकन (Nomination) की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है और फैसला अब राष्ट्रीय नेतृत्व के हाथों में है।
शुक्रवार को हो सकती है फाइनल बैठक
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को एक और बैठक होगी, जिसमें टिकटों की फाइनल लिस्ट (Final List) जारी की जा सकती है। कहा जा रहा है कि मेयर और पार्षद पद के उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार हो चुकी है। बस कुछ सीटों पर चर्चा बाकी है।
सभी सांसदों और विधायकों से सुझाव लेकर केंद्रीय नेतृत्व के पास भेज दिया गया है और अब बस औपचारिक घोषणा बाकी है। अब देखना यह होगा कि क्या भाजपा हाईकमान टिकटों का बंटवारा नेताओं के दबाव में करता है या फिर पार्टी की रणनीति के आधार पर।