हरियाणा की दिव्या तंवर बनीं आईएएस, पहली कोशिश में बनीं IPS, दूसरी में हासिल किया IAS का ख्वाब
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को पास करना हर साल लाखों उम्मीदवारों का सपना होता है। लेकिन कुछ ही लोग इस कठिन परीक्षा को अपने पहले ही प्रयास में पास कर पाते हैं।
IAS Divya Tanwar Success Story : हरियाणा के एक छोटे से गांव निम्बी की बेटी दिव्या तंवर ने अपने हौसलों से ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि अब हर कोई उनकी मिसाल दे रहा है। UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पहले प्रयास में पास कर IPS बनने के बाद दिव्या ने दूसरी बार परीक्षा देकर IAS का पद हासिल किया।
उनकी यह कहानी हर उस सपने देखने वाले के लिए प्रेरणा है जो मेहनत और लगन से अपना मुकाम हासिल करना चाहते हैं। हरियाणा के छोटे से गांव की रहने वाली दिव्या तंवर (Divya Tanwar) ने न सिर्फ इसे अपने पहले प्रयास में पास किया बल्कि IPS अफसर बनीं। और दूसरे प्रयास में IAS (Indian Administrative Service) अफसर बनकर अपने सपने को पूरा किया।
IAS Divya Tanwar : हरियाणा के निम्बी गांव की प्रेरणा
दिव्या तंवर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के निम्बी गांव की रहने वाली हैं। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने अपने गांव के सरकारी स्कूल से की। आगे चलकर उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय (Navodaya Vidyalaya) महेंद्रगढ़ में हुआ। उनकी सफलता की शुरुआत यहीं से हुई।
संघर्षों से भरी थी दिव्या की राह
दिव्या ने अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद महेंद्रगढ़ के सरकारी महिला कॉलेज से BSc में ग्रेजुएशन (Graduation) किया। उनके पिता का बचपन में ही निधन हो गया था। उनकी मां ने घर की सारी जिम्मेदारी उठाई और दिव्या को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। दिव्या ने भी अपने मां के सपनों को अपना मकसद बनाया और यूपीएससी (UPSC Preparation) की तैयारी शुरू कर दी।
पहले प्रयास में बनीं IPS अफसर
दिव्या ने साल 2021 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। मात्र 21 साल की उम्र में, उन्होंने न केवल इस कठिन परीक्षा को पास किया बल्कि ऑल इंडिया रैंक 438 हासिल कर IPS अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया। उनके इस प्रयास ने न केवल उनके परिवार बल्कि उनके गांव को भी गर्व से भर दिया।
दूसरे प्रयास में IAS बनने का सपना पूरा
IPS बनने के बाद भी दिव्या का सपना अधूरा था। उन्होंने IAS बनने का लक्ष्य रखा और इसके लिए पूरी मेहनत और लगन से तैयारी शुरू कर दी। साल 2022 में उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार दिव्या ने ऑल इंडिया रैंक 105 हासिल कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा कर लिया।
मणिपुर कैडर में कर रही हैं सेवा
वर्तमान में दिव्या मणिपुर कैडर (Manipur Cadre) में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। दिव्या ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
दिव्या तंवर की सफलता का राज
दिव्या ने बिना कोचिंग (Coaching) के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। उन्होंने सेल्फ-स्टडी (Self-Study) पर भरोसा किया और एक सटीक रणनीति बनाई। उनकी तैयारी में किताबों का सही चयन, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण और एक मजबूत रूटीन शामिल था।