faisal jatt: एक रात में इतनी लड़कियों के साथ सोता था फैसल जट्ट, सामने आई असली सच्चाई
मुठभेड़ (Encounter) में पुलिस ने भारी मात्रा में आधुनिक हथियार (Advanced Weapons), आंसू गैस और ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। ऑपरेशन के दौरान मकान की दीवारें गोलियों से छलनी हो गईं, जो इस घटना की भयावहता को साफ दर्शाती हैं।
faisal jatt news in hindi: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित गुजरात जिले के हंज गांव में 18 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ 14 घंटे का एक बड़ा पुलिस ऑपरेशन (Police Operation) 19 दिसंबर की सुबह खत्म हुआ। इस ऑपरेशन में कुख्यात ड्रग माफिया फैसल जट्ट (Faisal Jatt), उसके 20 वर्षीय भतीजे सफिउर रहमान और दो अन्य साथियों नावेद अख्तर और नोमी को मार गिराया गया।
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मुठभेड़ (Encounter) में पुलिस ने भारी मात्रा में आधुनिक हथियार (Advanced Weapons), आंसू गैस और ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। ऑपरेशन के दौरान मकान की दीवारें गोलियों से छलनी हो गईं, जो इस घटना की भयावहता को साफ दर्शाती हैं।
फैसल जट्ट, जिसे “फैसल हंज” के नाम से भी जाना जाता था, एक बड़ा ड्रग तस्करी नेटवर्क (Drug Trafficking Network) चलाता था और उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। पुलिस ने इस ऑपरेशन को संगठित अपराध (Organized Crime) के खिलाफ एक बड़ी सफलता करार दिया है।
फैसल के चौंकाने वाले शब्द
एनकाउंटर के दौरान फैसल जट्ट के आखिरी शब्द सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए हैं। उसने कहा, “अगर मैं बच गया तो मुझे जट्ट मत कहना”, जो इस घटना को एक अलग ही परिप्रेक्ष्य में पेश करता है। ये शब्द न केवल पुलिस ऑपरेशन की गंभीरता को उजागर करते हैं, बल्कि अपराधियों के अंत की ओर इशारा करते हैं।
यह ऑपरेशन पुलिस के लिए आसान नहीं था। डीएसपी ज़ीशान के नेतृत्व में शुरू हुई इस कार्रवाई में पुलिस को अंदर से हो रही भारी गोलीबारी के कारण अतिरिक्त बल (Backup) बुलाना पड़ा। अगले दिन सुबह तक चारों अपराधियों को मार गिराया गया।
एनकाउंटर का घटनाक्रम
18 दिसंबर को पाकिस्तानी पुलिस ने हंज गांव में फैसल जट्ट को गिरफ्तार (Faisal Arrest) करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया। इस कार्रवाई में पुलिस ने हेलीकॉप्टर (Helicopter) और सैकड़ों कर्मियों की तैनाती की। फैसल पर पाकिस्तान की एलीट फोर्स (Elite Force) के अधिकारी की हत्या का आरोप था।
घर की दीवार तोड़ने की कोशिश के दौरान पुलिस पर अंदर से भारी गोलीबारी हुई। जवाब में पुलिस ने ग्रेनेड और आंसू गैस का सहारा लिया। 19 दिसंबर की सुबह, पुलिस को सफलता मिली और चारों अपराधियों को मार गिराया गया। इस कार्रवाई के बाद पुलिस अधिकारियों का गांव में हीरो की तरह स्वागत हुआ।
ड्रग माफिया का अंत और सिस्टम पर सवाल
फैसल जट्ट का अपराध साम्राज्य (Crime Empire) ड्रग तस्करी के माध्यम से फैला हुआ था। उसे स्थानीय राजनीति (Local Politics) से संरक्षण मिलता था, जिससे वह कानून के शिकंजे से बचता रहा। हालांकि, इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि कानून व्यवस्था (Law and Order) को चुनौती देने वालों का अंत निश्चित है।
रहमानिया पुलिस स्टेशन के एसएचओ हाजी सगीर अहमद भडार ने इसे कानून व्यवस्था के लिए बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा, “जो भी कानून को चुनौती देगा, उसका यही अंजाम होगा।”
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ऑपरेशन के बाद उठे सवाल
यह ऑपरेशन अपराधियों के खिलाफ पुलिस की क्षमता को दर्शाता है, लेकिन यह भी सवाल खड़ा करता है कि इतने लंबे समय तक फैसल जैसे माफिया कानून की पकड़ से बाहर कैसे रहे। सिस्टम में मौजूद खामियां और राजनीतिक संरक्षण (Political Protection) इन अपराधियों को बढ़ावा देते हैं।