1 जनवरी 2025 से लागू हुए नए टेलीकॉम नियम, मोबाइल यूजर्स को मिलेंगी ये सुविधाएं
भारत में टेलीकॉम (Telecom) कंपनियों के लिए नए नियम लागू हो गए हैं जो उन्हें मोबाइल टावर और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (Optical Fiber Network) लगाने में मदद करेंगे। इस बदलाव के बाद कंपनियों को परमिशन प्राप्त करने में पहले जैसी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब सिर्फ एक जगह से परमिशन मिलने से टेलीकॉम कंपनियों के लिए नेटवर्क विस्तार में तेजी आएगी।
New year 2025 New rules : इस कदम से टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सर्विस सुधारने और ज्यादा इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस बदलाव के तहत, उपभोक्ताओं को बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी, क्योंकि कंपनियों को नेटवर्क विस्तार में कोई बाधा नहीं होगी। इस पहल का उद्देश्य पूरे देश में तेज और निर्बाध नेटवर्क कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करना है।
नए नियमों के तहत बदलाव
राइट ऑफ वे (RoW) नियम, जो पहले से ही टेलीकॉम एक्ट में शामिल किए गए थे, 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो गए हैं। इस कानून का उद्देश्य कंपनियों को अपने नेटवर्क को बढ़ाने में आसानी प्रदान करना है। अब कंपनी को ऑप्टिकल फाइबर और नए मोबाइल टावर लगाने के लिए कई सरकारी एजेंसियों से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। पहले कंपनियों को अलग-अलग स्थानों पर परमिशन लेने में कई दिनों का वक्त लगता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
RoW नियम के तहत, कंपनियों को केवल एक स्थान से ही परमिशन प्राप्त होगी, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचेंगे। इस नियम का उद्देश्य डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और नेटवर्क विस्तार की प्रक्रिया को सरल बनाना है। इसके माध्यम से टेलीकॉम कंपनियां अपने नेटवर्क को तेजी से बढ़ा सकेंगी, जो देशभर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।
कंपनियों ने किया था आग्रह
कुछ समय पहले ही टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से इस नियम को लागू करने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि इससे पारदर्शिता (Transparency) और कार्यक्षमता (Efficiency) में सुधार होगा। कंपनियों का यह भी मानना था कि इस नियम के लागू होने से नेटवर्क विस्तार में तेजी आएगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी।
भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में इस बदलाव का स्वागत किया गया है, क्योंकि कंपनियां अब आसानी से अपने नेटवर्क को और अधिक क्षेत्रों में विस्तृत कर पाएंगी, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में मोबाइल सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।