इजरायल में भारतीय श्रमिकों के लिए बंपर हायरिंग, 1.32 लाख सैलरी, रहना-खाना फ्री, इतने लोगों का हुआ सेलेक्शन
Trends Of Discover, नई दिल्ली: इजरायल-हमास युद्ध के बीच देश के कई राज्यों में नौकरियों की होड़ लगी है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों में श्रमिकों द्वारा आवेदन किए जा रहे हैं। इस समय यह सवाल उठता है कि इजरायल क्यों भारतीयों को नौकरी देना चाहता है और भारतीयों में युद्धक्षेत्र में क्यों नौकरी करने की होड़ लगी है। जिस देश में लोग अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं। उसी देश में अब भारतीय नागरिकों के जाने की होड़ मची हुई है। आखिर क्यों भारतीय नागरिक इजरायल जाना चाहते हैं।
भारत-इजरायल के बीच हुआ था ये समझौता
- भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, युद्ध शुरू होने से पहले पिछले साल इजरायल और भारत के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- इसके तहत 40,000 भारतीयों को इजरायल में निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने की अनुमति मिलेगी।
- भारत के विदेश मंत्रालय के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, इजरायल में लगभग 13,000 भारतीय कामगार हैं।
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कितनी मिलेगी सैलरी?
भारत से इजरायल जाने वाले मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट पर भेजा जाएगा। ये कॉन्ट्रैक्ट एक साल से अधिक समय तक का हो सकता है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, इजरायल जाने वाले श्रमिकों को लगभग 1600 डॉलर प्रति माह मिलेंगे। जो भारतीय रुपये में करीब एक लाख 32 हजार होते हैं। मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि इन श्रमिकों के लिए इजरायल में रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था होगी।
इन राज्यों से हो रहा श्रमिकों का चयन
इजरायल भेजने के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा से श्रमिकों का चयन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने श्रमिकों के लिए एक विज्ञापन भी दिया है। ये मजदूर इजरायल में कंस्ट्रक्शन के काम में जुटेंगे।
इजरायल ने क्यों मांगे श्रमिक?
- इजरायल-हमास युद्ध के बीच इजरायली सरकार ने भारत से एक लाख श्रमिकों को भेजने की मांग की है।
- 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से उन्हें श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- भारत से मजदूरों के चयन के लिए 15 सदस्यीय इजरायली टीम इस प्रक्रिया की देखरेख कर रही है।
- भारत से राजमिस्त्री, बढ़ई और अन्य निर्माण के कुशल श्रमिकों को इजरायल भेजा जाएगा।
- इससे पहले इजरायल में फलस्तीनी श्रमिक ही काम करते थे, लेकिन युद्ध के कारण उनका परमिट रद्द कर दिया गया है।
- साथ ही गाजा से लगी सीमाओं को भी फलस्तीनियों के लिए बंद किया गया है। इसके चलते इजरायल में श्रमिकों की बड़ी समस्या हो रही है।