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DA Arrears: आखिरकार केंद्रीय कर्मचारियों के खुल गए किस्मत के ताले, सरकार ने 18 महीने के बकाया DA एरियर को लेकर जारी किया अपडेट

DA Arrears - अगर आप कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए/डीआर में चार फीसदी की बढ़ोतरी की है. इसके चलते अब महंगाई भत्ते की दर 50 फीसदी हो गई है.

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नई दिल्ली: 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के DA/DR में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अब महंगाई भत्ता पचास प्रतिशत है। कोरोनावायरस महामारी के दौरान रोके गए 18 प्रतिशत डीए बकाया पर सरकार ने बात नहीं की। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने पिछले साल राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक में यह मुद्दा उठाया था।

कर्मचारी पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए, श्रीकुमार ने डीओपीटी के सचिव (पी) से आग्रह किया था कि 18 महीने का बकाया 'डीए' कर्मियों का हकदार है। कार्मिकों एवं पेंशनभोगियों को डीए/डीआर का बकाया जारी किया जाए। 

महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का भुगतान रोककर 34,402.32 करोड़ रुपये बचाए थे. भारत पेंशनर समाज के महासचिव एससी माहेश्वरी ने भी सरकार से महामारी के दौरान रोके गए डीए के 18 महीने के बकाया को जारी करने का आग्रह किया।

डीए एरियर का मुद्दा पहले भी कई बार उठाया जा चुका है. नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य और ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.के. श्रीकुमार ने कहा कि कर्मियों के हितों से जुड़े मुद्दे, पुरानी पेंशन बहाली समेत कई अन्य मांगें लगातार उठाई जा रही हैं।

इन सबके साथ ही कोरोना वायरस महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के DA/DR के भुगतान की लड़ाई भी जारी है. कैबिनेट सचिव को 18 महीने के डीए बकाया के भुगतान के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ स्टाफ साइड' (जेसीएम) द्वारा पहले ही लिखा जा चुका है। रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को भी सौंपी जा चुकी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है.

केंद्र सरकार द्वारा दिए गए तर्क इस प्रकार हैं:

केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 18 महीने के डीए बकाया के भुगतान की मांग कर रहे हैं, जो कोरोनोवायरस महामारी के दौरान रोक दिया गया था। 

केंद्र सरकार ने बजट सत्र में माना था कि उसे डीए बकाया जारी करने के लिए कई कर्मचारी संगठनों से आवेदन मिले हैं. हालांकि सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस आश्वासन देने के बजाय साफ कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में डीए का बकाया जारी करना व्यावहारिक नहीं है.

इसका मतलब यह है कि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की डीए/डीआर राशि का भुगतान नहीं करेगी. बजट सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि 

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा अभी भी एफआरबीएम एक्ट में बताए गए स्तर से दोगुने से भी ज्यादा पर चल रहा है. ऐसे में डीए/डीआर का बकाया भुगतान करना संभव नहीं है. सी.एस. श्रीकुमार बताते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि ऐसे मामलों में कर्मचारी को छह फीसदी ब्याज के साथ इसका भुगतान करना होगा।

कोरोना काल में रुका डीए भुगतान-

केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्तों को निलंबित कर दिया था। उस समय सरकार ने कहा था कि आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। इसके बाद नेशनल काउंसिल (जेसीएम) सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में यह मुद्दा उठाया। कर्मियों को बकाया मिलने की उम्मीद थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

सी.एस. श्रीकुमार के मुताबिक सरकार के मन में खोट है. केंद्र ने 2020 की शुरुआत में COVID-19 की आड़ में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के DA/DR पर प्रतिबंध लगा दिया था उस वक्त केंद्र सरकार ने कर्मियों को 11 फीसदी डीए के भुगतान पर रोक लगाकर करोड़ों रुपये की बचत की थी. इसके बाद कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने 18 महीने के बकाया भुगतान को लेकर सरकार को कई विकल्प सुझाये थे. इनमें बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान भी शामिल था।

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